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मुजफ्फरनगर दंगे पर बोले ये, सब कुछ आजम का किया धरा

मुजफ्फरनगर। जाट बेल्ट में दंगे के लिए बालियान खाप के चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत सपा नेता आजम खां को दोषी मानते हैं। नरेश ने आरोप लगाया है कि यहां जो कुछ भी हुआ, वह सब आजम का किया धरा है। जो मांगे शासन ने 50 जिंदगियां लेने के बाद मांगी, वही पहले मान लेते तो ये हालात न होती।

By Edited By: Updated: Sat, 14 Sep 2013 12:07 PM (IST)
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मुजफ्फरनगर। जाट बेल्ट में दंगे के लिए बालियान खाप के चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत सपा नेता आजम खां को दोषी मानते हैं। नरेश ने आरोप लगाया है कि यहां जो कुछ भी हुआ, वह सब आजम का किया धरा है। जो मांगे शासन ने 50 जिंदगियां लेने के बाद मांगी, वही पहले मान लेते तो ये हालात न होती।

मुस्लिम ही नहीं हिंदुओं का भी उठा भरोसा

दैनिक जागरण के रवि प्रकाश तिवारी से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में सपा और भाजपा की जोर आजमाइश में भाकियू पिसकर रह गई है। अजित सिंह के सवाल को टिकैत टाल गए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश..

सवाल:-पूरे बवाल के लिए दोषी कौन है?

जवाब:-इन सब वारदातों के लिए दोषी प्रशासन है। खासकर आजम खान के इशारे पर जो कुछ होता रहा, उसने ही आग लगायी। सबकुछ आजम का किया धरा है। मुलायम सिंह से टिकैत परिवार के संबंध अच्छे थे, लेकिन आजम की वजह से ही दूरियां बढ़ीं। जहां तक क्षति की बात है तो महापंचायत स्थल पर तो एक कार में आरडीएक्स भी मिला। समय रहते पकड़ा गया, नहीं तो कई जिंदगियां स्वाहा हो जाती। बाद में पुलिस-प्रशासन ने इस उसे दबा लिया।

सवाल:-महापंचायत को इस घटना का जिम्मेदार माना जा रहा है?

जवाब:-प्रशासन अपनी खामियों का ठीकरा हमारे सिर फोड़ रहा है। घटना से भाकियू के दामन पर एक दाग तो लग ही गया। आज तक हमारे पंचायत में ऐसा कभी नहीं हुआ था। मैं पूछना चाहता हूं कि शासन का मुखबिर तंत्र क्यों फेल हो गया। महापंचायत से इतना बड़ा खतरा ही था तो प्रशासन ने रोका क्यों नहीं। इससे पहले भी हमने अमन बहाली की कोशिश में 31 अगस्त की पंचायत टाली।

मुझे कितनी जिल्लत झेलनी पड़ी, मैं ही जानता हूं। आखिर कब तक पंचायत नहीं होगी। सहन की हद होती है। प्रशासन का यही रवैया रहा तो इस तरह की आग प्रदेश स्तर तक फैल जाएगी।

सवाल:-महापंचायत में भड़काऊ भाषण क्यों दिए गए? आपने रोका क्यों नहीं?

जवाब:-महापंचायत में हमने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया। हमारा मंच राजनेताओं ने कब्जा लिया। ऐसे में हम कहां तक किसी को रोकें। किसी नेता को हमने बुलाया नहीं था, वे स्वत: ही आ गए। उन्होंने जो कुछ कहा, उसके लिए वे जिम्मेदार हैं।

सवाल:-पहले गरम फिर सरकार के प्रति नरम होने का आप पर आरोप लग रहा है?

जवाब:-हम कभी न गरम हुए और न ही नरम। हमारा आचरण शीशे समान है। रही बात प्रशासन से दबने की, तो हम नहीं दबते। अपनी बात आगे भी जोरदार तरीके से कहेंगे। अगर मैंने महापंचायत में कोई भड़काऊ भाषण दिया हो तो मैं घर बैठा हूं, पुलिस आकर गिरफ्तार क्यों नहीं करती?

सवाल:-पूरे प्रकरण में अजित सिंह की भूमिका पर क्या कहेंगे?

जवाब:-मैं उनके बारे में कुछ नहीं बोलूंगा। बाकी सब लोग अच्छे हैं, बुरे तो हम ही हैं।

सवाल:-शांति बहाली के लिए आपका क्या प्रयास है?

जवाब:-सिसौली को देख लें। अल्पसंख्यक गांव में बेखौफ रह रहे हैं। अगर कोशिशें न होती तो संख्या कई गुना होती, लेकिन जिस तरीके से पुलिस प्रशासन एक तरफा कार्रवाई पर उतरा है। गांवों की चेकिंग और बेकसूरों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उसे ज्यादा दिन तक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत।

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