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कागजों में अभी भी जिंदा है नटवरलाल

डीएम बनकर लाखों रुपये का चूना लगाने वाला नटवर लाल जिस तरह गायब हुआ, उसी तरह उसकी फाइल भी गायब हो गई। ठगी के बादशाह की मौत होने का दावा चार साल पहले किया गया था, लेकिन अधिकारिक पुष्टि न होने से वह आज भी कागजों में जिंदा है।

By Edited By: Updated: Wed, 15 Jan 2014 09:59 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, कानपुर। डीएम बनकर लाखों रुपये का चूना लगाने वाला नटवर लाल जिस तरह गायब हुआ, उसी तरह उसकी फाइल भी गायब हो गई। ठगी के बादशाह की मौत होने का दावा चार साल पहले किया गया था, लेकिन अधिकारिक पुष्टि न होने से वह आज भी कागजों में जिंदा है।

बिहार के सीवान जिले के मिथलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ नटवर लाल ने 1977 में कानपुर के बेकनगंज स्थित एक घड़ी की दुकान से लाखों की ठगी की थी। वह डीएम बनकर दुकान पर पहुंचा और बेटी की शादी में मेहमानों को घड़ियां देने की बात कह महंगी और कीमती घड़ियां ले ली। कलेक्ट्रेट से चेक देने की बात कह दुकानदार के नौकर को साथ लिया और डीएम कार्यालय पहुंचकर फरार हो गया।

इस मामले में 1996 में नटवर लाल को बिहार से 'बी' वारंट पर तत्कालीन एसीएमएम प्रथम बीबी सिंह की अदालत में लाया गया था। करीब पांच माह जिला कारागार में रहने के बाद उसे इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया। उस वक्त उसकी उम्र 83 साल थी। वापस आते वक्त वह सिपाहियों को चकमा देकर दिल्ली रेलवे स्टेशन से फरार हो गया।

अधिवक्ता नंदलाल जायसवाल के मुताबिक 25 जुलाई, 2009 को नटवर लाल की मौत की खबर उन्हें मिली तो अधिकारिक पुष्टि के लिए एक प्रार्थना पत्र अदालत में दिया था। अदालत ने रिपोर्ट मांगी, लेकिन चार साल बाद भी रिपोर्ट नहीं आई। इसी मामले में 25 मई, 2013 को एक और प्रार्थना पत्र अदालत में दिया गया था। नटवर लाल के वकील अहमद अली खान के अनुसार मई, 2013 में नटवर लाल की मौत की पुष्टि के बाद मुकदमा बंद किए जाने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन फाइल न मिलने से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। थक कर मैंने भी प्रयास बंद कर दिया।

उनका कहना है कि नटवर लाल पर देश भर में करीब 83 मुकदमे हैं। जिसमें पटना, सीवान, दिल्ली, पंजाब, लखनऊ समेत जगहों से उसे धोखाधड़ी में सजा मिल चुकी है।

अपने ही अधिवक्ता को ठग लिया था

जेल में बंद नटवर लाल ने ठगी के मामले में किसी को भी नहीं छोड़ा। उसने अपने अधिवक्ता को ही ठग लिया था। अधिवक्ता अहमद अली के मुताबिक, वह जेल में उससे मिलने गए तो उनसे 1500 रुपये ले लिए।

नटवर लाल ने उन्हें सीवान और बिहार में अपनी काफी संपत्ति होने का दावा कर कुछ हिस्सा देने का लालच दिया था।

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