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नमो-नवाज बैठक से निकलेगी आगे की राह

प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मंगलवार को नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच होने वाली मुलाकात यूं तो रस्मी औपचारिकता है। लेकिन, दोनों नेताओं की इस पहली मुलाकात से भारत व पाक के बीच बीते कई माह से अटके अहम कारोबारी फैसलों का रास्ता जरूर खुल सकता है। संकेत हैं कि व्यापारिक ि

By Edited By: Updated: Mon, 26 May 2014 06:32 AM (IST)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मंगलवार को नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच होने वाली मुलाकात यूं तो रस्मी औपचारिकता है। लेकिन, दोनों नेताओं की इस पहली मुलाकात से भारत व पाक के बीच बीते कई माह से अटके अहम कारोबारी फैसलों का रास्ता जरूर खुल सकता है। संकेत हैं कि व्यापारिक रिश्तों को लेकर संजीदा छवि वाले मोदी व नवाज की इस पहली बैठक के बाद जल्द ही द्विपक्षीय कारोबार से जुड़े कुछ बड़े फैसलों का एलान संभव है। लंबित फैसलों की रफ्तार बढ़ाने को भारत में वाणिज्य, ऊर्जा व पेट्रोलियम मंत्रालयों ने ऐसे कदमों की फेहरिस्त तैयार कर ली है, जिन्हें कम समय में अमली जामा पहनाया जा सकता है।

वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने इन तैयारियों की तस्दीक करते हुए बताया कि बैंक शाखाएं खोलने, बिजली व पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री समेत ऐसे कई प्रस्ताव हैं जो चुनाव की वजह से अटक गए। शरीफ का रुख और नजरिया भांपने के बाद मोदी सरकार इन पर हरी झंडी दे सकती है। उक्त अधिकारी शरीफ और मोदी के बीच होने वाली बैठक की तुलना वर्ष 2011 में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच हुई बैठक से करते है। तब वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद पहली बार दोनों के पीएम एक क्रिकेट मैच के दौरान मिले थे। सिंह व गिलानी के बीच हुई बातचीत के बाद आर्थिक सहयोग की शुरुआत हुई थी।

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाक अब भी भारत से पेट्रोल व डीजल खरीदने का इच्छुक है। पिछले वर्ष इस बारे में बातचीत काफी आगे बढ़ गई थी। सहमति बनी थी कि जब तक पाक सीमा तक पाइपलाइन नहीं बिछाई जाती है, तब तक ट्रक से ही पेट्रोल व डीजल पाक को बेचे जाएंगे। भारत की तरफ से सरकारी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम को इसके लिए नियुक्त करने की भी बात हो गई। लेकिन, चुनाव की घोषणा के बाद यह मामला सुस्त पड़ गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मोदी जिस तरह से व्यापार को महत्व देते हैं, उसे देखते हुए नई सरकार जल्द ही पाक को पेट्रो उत्पाद बेचने पर सकारात्मक फैसला करेगी।

इसी तरह से ऊर्जा मंत्रालय भी पाक को बिजली बेचने के अपने प्रस्ताव को लेकर तैयार है। जबकि, वित्त मंत्रालय के अधिकारी पाक में बैंक शाखा खोलने व पाकिस्तानी बैंक को भारत में शाखा खोलने के प्रस्ताव की प्रगति पर अपनी रिपोर्ट को लेकर तैयार हैं। इन सभी मुद्दों पर पिछले दो वर्षो के दौरान कई स्तरों पर बातचीत हुई है, और काफी हद तक सहमति भी बनी है। इन्हें अमली जामा पहनाने के लिए शीर्ष स्तर पर फैसला होने की राह देखी जा रही है। यह राह मोदी और शरीफ की बैठक से निकल सकती है।

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