नमो-नवाज बैठक से निकलेगी आगे की राह
प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मंगलवार को नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच होने वाली मुलाकात यूं तो रस्मी औपचारिकता है। लेकिन, दोनों नेताओं की इस पहली मुलाकात से भारत व पाक के बीच बीते कई माह से अटके अहम कारोबारी फैसलों का रास्ता जरूर खुल सकता है। संकेत हैं कि व्यापारिक ि
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मंगलवार को नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच होने वाली मुलाकात यूं तो रस्मी औपचारिकता है। लेकिन, दोनों नेताओं की इस पहली मुलाकात से भारत व पाक के बीच बीते कई माह से अटके अहम कारोबारी फैसलों का रास्ता जरूर खुल सकता है। संकेत हैं कि व्यापारिक रिश्तों को लेकर संजीदा छवि वाले मोदी व नवाज की इस पहली बैठक के बाद जल्द ही द्विपक्षीय कारोबार से जुड़े कुछ बड़े फैसलों का एलान संभव है। लंबित फैसलों की रफ्तार बढ़ाने को भारत में वाणिज्य, ऊर्जा व पेट्रोलियम मंत्रालयों ने ऐसे कदमों की फेहरिस्त तैयार कर ली है, जिन्हें कम समय में अमली जामा पहनाया जा सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने इन तैयारियों की तस्दीक करते हुए बताया कि बैंक शाखाएं खोलने, बिजली व पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री समेत ऐसे कई प्रस्ताव हैं जो चुनाव की वजह से अटक गए। शरीफ का रुख और नजरिया भांपने के बाद मोदी सरकार इन पर हरी झंडी दे सकती है। उक्त अधिकारी शरीफ और मोदी के बीच होने वाली बैठक की तुलना वर्ष 2011 में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच हुई बैठक से करते है। तब वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद पहली बार दोनों के पीएम एक क्रिकेट मैच के दौरान मिले थे। सिंह व गिलानी के बीच हुई बातचीत के बाद आर्थिक सहयोग की शुरुआत हुई थी।