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राकांपा की तेजी से शिवसेना की अकड़ ढीली

महाराष्ट्र में भाजपा को 123 सीटें मिलते ही राकांपा ने उसे सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर दी है। राकांपा की इस घोषणा ने 63 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही शिवसेना की ऐंठन भी ढीली कर दी है। प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर तीखे प्रहार कर चुके शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अब भाजपा की ओर से सरकार में शामिल होने के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं।

By Murari sharanEdited By: Updated: Sun, 19 Oct 2014 09:30 PM (IST)
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मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। महाराष्ट्र में भाजपा को 123 सीटें मिलते ही राकांपा ने उसे सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर दी है। राकांपा की इस घोषणा ने 63 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही शिवसेना की ऐंठन भी ढीली कर दी है। प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर तीखे प्रहार कर चुके शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अब भाजपा की ओर से सरकार में शामिल होने के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं।

उद्धव ने शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को फोन कर चुनाव नतीजों पर बधाई भी दे डाली। अमित शाह ने भी यह कहकर नरमी के संकेत दे दिए हैं कि उनकी ओर से कभी गठबंधन नहीं तोड़ा गया।

चुनाव परिणाम आने से पहले तक राकांपा के कई राष्ट्रीय नेता भाजपा से दूरी बनाए रखने की बात कह रहे थे। लेकिन दोपहर बाद भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते ही राकांपा नेता प्रफुल पटेल ने राज्य में स्थिर सरकार के नाम पर भाजपा को बाहर से बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी।

इसके बाद शिवसेना के भी तेवर ढीले पड़ गए। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी आखिरकार शाम को संवाददाता सम्मेलन बुलाकर कह दिया कि यदि भाजपा अखंड महाराष्ट्र का वचन देती है तो उन्हें उसके साथ जाने में कोई आपत्ति नहीं होगी।

भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की राकांपा की घोषणा पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे उन्हें कोई हैरानी नहीं है। राकांपा ने इसका स्क्रिप्ट पहले ही तैयार कर लिया था।

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