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लड़कियों को उपदेश देकर फंसीं राकांपा नेता

लड़कियों को सलीके से कपड़े पहनने और देर रात घर से नहीं निकलने का उपदेश देना राकांपा नेता आशा मिर्गे को महंगा पड़ गया है। उपदेश के बाद उनकी पार्टी में ही उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठने लगी है। पेशे से डॉक्टर आशा मिर्गे राकांपा सदस्य होने के साथ ही महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सदस्य भी हैं। बाद में आशा मिर्गे ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांग ली।

By Edited By: Updated: Thu, 30 Jan 2014 07:36 AM (IST)
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मुंबई [जागरण संवाददाता]। लड़कियों को सलीके से कपड़े पहनने और देर रात घर से नहीं निकलने का उपदेश देना राकांपा नेता आशा मिर्गे को महंगा पड़ गया है। उपदेश के बाद उनकी पार्टी में ही उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठने लगी है। पेशे से डॉक्टर आशा मिर्गे राकांपा सदस्य होने के साथ ही महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सदस्य भी हैं। बाद में आशा मिर्गे ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांग ली।

मंगलवार को मुंबई में राकांपा महिला शाखा के एक कार्यक्रम में मिर्गे ने यह सवाल उठाकर मुसीबत मोल ले ली कि दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुईं लड़की और मुंबई की महिला पत्रकार को देर शाम अपने पुरुष मित्र के साथ फिल्म देखने जाने या किसी सुनसान जगह पर जाने की क्या जरूरत थी? आशा मिर्गे ने जब यह सवाल उठाया तो उनके पास राकांपा सांसद सुप्रिया सुले भी बैठी थीं। सुप्रिया सुले पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की बेटी हैं। जब सुले से पूछा गया कि उन्होंने मिर्गे के बयान पर तत्काल आपत्ति क्यों नहीं जताई, तो सुप्रिया ने कहा कि आशा मिर्गे उम्र में उनसे बड़ी हैं। लिहाजा, बोलते समय उनकी बात पर आपत्ति जताना उचित नहीं लगा। हालांकि, बाद में अपने भाषण के दौरान सुले ने कहा कि मिर्गे का ऐसा कहना उचित नहीं है।

आशा मिर्गे ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि किसी लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना का होना उसके पहनावे, व्यवहार और स्थान पर भी निर्भर है। लड़कियों को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मिर्गे के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। यहां तक कि उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने उनके बयान को अनुचित बताते हुए कहा है कि उन पर पार्टी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, बाद में मिर्गे ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि वह नेता नहंी हैं और उनका इरादा किसी भावनाओं को आहत करना नहीं था।

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