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एनडी-उज्ज्वला ने साथ-साथ देखी शाम-ए-अवध, उठाया लुत्फ और किए खरीदारी

महीनों की सार्वजनिक खींचतान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी व उज्ज्वला शर्मा एक साथ शनिवार को अवध की शाम निहारने निकले। वे फन मॉल गए जहां लैपटाप और कैमरा आदि का जायजा लिया। दूसरे बाजार भी घूमे व घर के लिए खरीदारी की। शुक्रवार व शनिवार रात आवास मं गीत संगीत की महफिल सजी जिसमें एनडी ने गाने गए। तिवारी के

By Edited By: Updated: Sun, 04 May 2014 10:29 AM (IST)
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[आनंद राय], लखनऊ। महीनों की सार्वजनिक खींचतान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी व उज्ज्वला शर्मा एक साथ शनिवार को अवध की शाम निहारने निकले। वे फन मॉल गए जहां लैपटाप और कैमरा आदि का जायजा लिया। दूसरे बाजार भी घूमे व घर के लिए खरीदारी की। शुक्रवार व शनिवार रात आवास में गीत संगीत की महफिल सजी जिसमें एनडी ने गाने गए।

तिवारी के पुत्र रोहित शेखर की मां उज्ज्वला शर्मा के शुक्रवार को हुए 'गृहप्रवेश' के बाद शनिवार को वहां का नजारा कुछ और ही था। शुक्रवार तक आरोही में पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी भवानी भट्ट की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था। उज्ज्वला के आरोही में दाखिल होने के बाद एनडी तिवारी शुक्रवार रात करीब साढ़े 12 बजे तक जागते रहे। उन्होंने तबला बजाया और ये जिंदगी है कौम की, कौम पे लुटाये जा .. जैसे कई गीत गाए। शनिवार सुबह उज्ज्वला छह बजे जाग गयीं, लेकिन एनडी नौ बजे तक सोते रहे। जागने के बाद बादाम और भिगोए चने के साथ उन्होंने चाय पी। फिर जमकर मसाज कराने के बाद एनडी ने पुत्र रोहित शेखर से बात की। रोहित से पूछा कब आओगे। रोहित ने काम की व्यस्तता बताई तो तिवारी बोले काम करो। बटलर दीवान सिंह ने उज्ज्वला से नाश्ता व दोपहर के भोजन के लिए पूछा। उज्ज्वला ने कहा मैं किचेन में आती हूं। दीवान ने भवानी की कई शिकायतें कीं। इस बीच, एक कर्मचारी रामकेश यादव फाइल उठाकर ले जा रहा था। किसी ने उज्ज्वला के कान में कुछ कहा तो उन्होंने रामकेश को टोका। बोला, राकेश पवार ने मांगी है। यह साहब की दवाइयों की फाइल है। उज्ज्वला ने कहा जाओ-जाओ। फिर शाम को घूमने का कार्यक्रम बनने लगा। इस बीच, किसी ने उज्ज्वला को बताया कि तिवारी जी को मिली एक हीरे की अंगूठी गायब है।

सुबह ही तिवारी जी से मिलने नैनीताल की शारदा सिंह पहुंची। उन्हें लंबे समय बाद आरोही में प्रवेश मिला। तिवारी जी के लिए लड्डू लाई थीं। यहां सभी लोग कांग्रेस नेता स्वयं प्रकाश गोस्वामी का जिक्र कर रहे थे, जिनके प्रयास से आरोही में उज्ज्वला को रहने का अवसर मिला। तिवारी विचार मंच के महासचिव अरुण शुक्ल व राष्ट्रीय सचिव राजेश कुमार सिंह समेत कई सहयोगी देखरेख में जुटे हैं। उज्ज्वला कहती हैं कि हमारी या भवानी की क्या हैसियत है। सब तो तिवारी जी को जानते हैं। सभी को उनसे मिलने दो। थोड़ी देर बाद कहती हैं कि अब तिवारी जी को आराम करने दीजिए। तिवारी जी की देखरेख करने वाले पि्रंस उनके कपड़े, सद्री और जूते सहेज रहे थे। फिर लंच में उन्हें दलिया, आलू और चपाती खिलाई जाती है। शाम को उठने के बाद किसी के निधन की खबर से तिवारी जी आहत हैं। कहते हैं कि वहां मुझे ले चलो। पता चलता है कि आज दाह-संस्कार में लोग व्यस्त होंगे। कल पर कार्यक्रम टल जाता है। फिर एक बैडमिंटन कोर्ट बनाने की बात होती है।

'ओ समय न मुझपे करो संदेह':

पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के आवास में एक कविता टंगी है।

'ओ समय न मुझपे करो संदेह,

न मेरी क्षमताओं पर करो संशय,

यूं तो मेरी कच्ची उम्र के कागजी हौसलों ने,

बचपने में ही आसमान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराके अपने इरादों का संकेत कर दिया था।'

तिवारी के जीवन पर बिल्कुल सटीक यह कविता है और बातचीत में जाहिर होता है कि वह बड़े दिलवाले हैं और उसी अंदाज में जवाब भी देते हैं। भवानी भट्ट भले यह कहते हैं कि तिवारी जी को पार्किंसन व डिमेंशिया जैसी बीमारी है, लेकिन तिवारी बातचीत में सावधानी बरतते हैं। बातचीत के प्रमुख अंश-

- उज्ज्वला शर्मा के आने से आप खुश हैं?

- ठीक है। खुश हूं जितना खुश होना चाहिए।

- उज्ज्वला को आपके ओएसडी आपसे मिलने नहीं देते थे।

- अरे, क्यों नहीं मिलने देते थे। यह कैसे यहां तक आई।

- पुलिस की मध्यस्थता व इनके समर्थकों के प्रदर्शन से क्या आपको दुख नहीं पहुंचा?

- दुख की क्यों सोचें। हर एक का सुख सोचें।

- भवानी भट्ट ने ओएसडी पद से इस्तीफा दे दिया है। क्या कोई कार्रवाई करेंगे?

- किसी के खिलाफ व्यक्तिगत भाव नहीं रखता। व्यक्तिगत टिप्पणी भी नहीं करता हूं। धर्मक्षेत्र और कुरुक्षेत्र अलग-अलग हैं।

- क्या आपकी संपत्ति को लेकर लोगों में लालच है?

- कैसी संपत्ति। मेरे पास तो कुछ नहीं है। मैंने तो हमेशा विकास सोचा। देश सोचा। टेक्नॉलाजी सोची। वसुधैव कुटुंबकम सोचा। (इस बीच वह ग्लोब मंगाते हैं। 82 देशों की यात्रा कर चुके तिवारी हर देश की अपनी स्मृति ताजा करते हैं। कभी फ्रांसीसी गीत सुनाते हैं और कभी जापानी।)

- क्या आपने कोई वसीयत की है?

- (थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए) अभी इतनी जल्दी क्या है। मुझे तो अभी देश का मार्गदर्शन करना है। मुझे जिंदा रहना है। (अपने कर्मचारी राकेश की ओर इशारा करते हैं कि वह मुझे लंबे समय तक जिंदा रखेगा। इस बीच वह साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल..गाने लगते हैं। उज्ज्वला उनके सुर में सुर मिलाती हैं। तिवारी जी खुश हो जाते हैं। बोले, अच्छा गाती हो। )

नहीं लौटूंगा आरोही:

भवानी भट्ट का कहना है कि, 'मैं स्वाभिमानी आदमी हूं। और किसी भी सूरत में आरोही नहीं लौटूंगा। तिवारी जी के प्रति मेरी आस्था है और वह मेरे राजनीतिक गुरु हैं।' भट्ट ने उज्ज्वला शर्मा पर फिर गंभीर आरोप लगाए। कहा-जल्द ही उसकी असलियत सामने आ जाएगी। बोले, क्या यह लिव इन रिलेशनशिप में रहने की उम्र हैं।

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