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दो पाटों में फंस गए एनडी तिवारी

कभी देश में कांग्रेस का अहम चेहरा हुआ करते थे, लेकिन आजकल दो राज्यों के मुख्यमंत्री होने का गौरव पाने वाले नारायण दत्त तिवारी दो पाटों में फंस गए हैं। कोर्ट ने अदालत से उन्हें रोहित शेखर का जैविक पिता घोषित किया है। इसके बाद से रोहित की मां उज्जवला शर्मा उन्हें अपने साथ रखना चाहती हैं, जबकि एनडी के रिश्

By Edited By: Updated: Thu, 01 May 2014 04:39 PM (IST)
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लखनऊ, [आनन्द राय]। कभी देश में कांग्रेस का अहम चेहरा हुआ करते थे, लेकिन आजकल दो राज्यों के मुख्यमंत्री होने का गौरव पाने वाले नारायण दत्त तिवारी दो पाटों में फंस गए हैं। कोर्ट ने अदालत से उन्हें रोहित शेखर का जैविक पिता घोषित किया है। इसके बाद से रोहित की मां उज्जवला शर्मा उन्हें अपने साथ रखना चाहती हैं, जबकि एनडी के रिश्तेदार और विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भवानी भट्ट तिवारी पर किसी दूसरे का आधिपत्य नहीं चाहते। एनडी तिवारी पर कब्जा करने की लड़ाई अब सतह पर है।

एनडी तिवारी ने कल सुबह लखनऊ के महानगर ग‌र्ल्स इंटर कालेज में मतदान किया। उन्हें लेकर तिवारी के भतीजे मनीष तिवारी और भवानी भट्ट पहुंचे थे। मतदान के बाद भवानी तिवारी को लेकर उत्तराखंड के लालकुआं चले गए जबकि रोहित शेखर की मां उज्जवला शर्मा लखनऊ में जमी हैं। तिवारी को लेकर इन दोनों पक्षों में कड़वाहट मंगलवार शाम शुरू हुई। कॉफी हाऊस, हजरतगंज में पहुंचीं उज्जवला पर एनडी तिवारी का रास्ता रोकने का आरोप लगा, लेकिन उज्जवला ने दो टूक कहा कि जो लोग तिवारी जी के नाम पर लूट-खसोट कर रहे हैं, उन्हें हमारा और तिवारी जी का साथ मंजूर नहीं।

उज्जवला के मुताबिक 'तिवारी जी ने ही पुरानी यादों को ताजा करने के लिए उन्हें कॉफी हाऊस बुलाया था। इसके पहले आठ मार्च से 17 अप्रैल तक मैं उनके साथ रही और कई यात्राओं में भी गयी। फिर अचानक एक रात मेरा सामान फेंक दिया गया। भवानी भट्ट यह मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि 'एक महिला जिसने लगातार तिवारी जी का अपमान किया, कोर्ट तक उन्हें ले गयी और जिसके व्यवहार के सदमे से वह बीमार पड़े, उन्हें उसके हवाले कैसे छोड़ दूं। तिवारी जी उज्जवला को देखना भी नहीं चाहते। भवानी के मुताबिक तिवारी जी का इलाज चल रहा है और वह स्वस्थ हो रहे हैं। उधर उज्जवला का तर्क है कि तिवारी जी की सेहत में उनके साथ रहते सुधार हुआ। उज्जवला का सवाल है कि 'आखिर सवा माह तक वह कैसे मेरे साथ रहे और हर मौके पर साथ तस्वीरें खिंचवाते रहे।

बुधवार को ही भवानी भट्ट ने बताया कि उज्जवला के खिलाफ हजरतगंज और गौतमपल्ली थानों में तहरीर दी गयी है। हालांकि पुलिस ने तहरीर मिलने से इन्कार किया है। उधर, उज्जवला ने भी उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर भवानी के कब्जे से एनडी को मुक्त कराने की मांग की है। इधर एनडी उत्तराखंड जा पहुंचे हैं। उनके साथ उत्तराखंड सरकार के मंत्री हरीशचंद दुर्गा पाल भी हैं। फोन पर भवानी भट्ट ने एनडी तिवारी से बात कराई। वह कोई सवाल तो नहीं सुन सके, लेकिन अपनी रौ में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और वहां के विकास की बात करते रहे। मंत्री हरीश ने कहा कि इस उंम्र में और इतनी बड़ी शख्सियत के साथ यह सब शोभा नहीं दे रहा।

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