चुनाव के पहले बढ़ने लगा 'राजग', करुणानिधि ने की मोदी की तारीफ
लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही राजग का कुनबा एक बार फिर बढ़ने लगा है। पुराने सहयोगी लोजपा की वापसी के बाद द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने नरेंद्र मोदी की तारीफ कर खेमे में शामिल होने का साफ संकेत भेजा है। वहीं ओड़िशा में बीजद के बागी प्यारी मोहन महापात्र भी भाजपा से हाथ मिलाने को तैयार हैं। पर म
By Edited By: Updated: Sat, 01 Mar 2014 08:58 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही राजग का कुनबा एक बार फिर बढ़ने लगा है। पुराने सहयोगी लोजपा की वापसी के बाद द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने नरेंद्र मोदी की तारीफ कर खेमे में शामिल होने का साफ संकेत भेजा है। वहीं ओड़िशा में बीजद के बागी प्यारी मोहन महापात्र भी भाजपा से हाथ मिलाने को तैयार हैं। पर मोदी की लहर पर सवार भाजपा अब सहयोगियों को चुनने में सावधानी बरत रही है।
पढ़ें: करुणानिधि ने की कंट्टर प्रतिद्वंद्वी जयललिता की प्रशंसा भाजपा की कोशिश अपने मजबूत गढ़ वाले राज्यों को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में किसी न किसी क्षेत्रीय और छोटे राजनीतिक दल को साथ जोड़ने की है। पंजाब में अकाली दल, महाराष्ट्र में शिवसेना और हरियाणा में हविपा पहले से ही राजग में हैं। महाराष्ट्र में पांच दलों का गठबंधन तैयार हो चुका है। उत्तर प्रदेश में अपना दल किसी भी क्षण राजग में आने को तैयार है लेकिन पार्टी उसे विलय कराना चाहती है। बिहार में लोजपा को साथ खड़ा कर पार्टी ने पासवान वोटबैंक को जोड़ लिया है। असम में असम गण परिषद यूं तो तीसरे मोर्चे के साथ है लेकिन अंदरूनी तौर पर बातचीत अंतिम दौर में है। तमिलनाडु में वाइको की पार्टी एमडीएमके के साथ समझौता हो चुका है। विजयकांत की पार्टी डीएमडीके के साथ भी बातचीत चल रही है। ऐसे में द्रमुक प्रमुख ने मोदी की प्रशंसा कर पासा जरूर फेंका है लेकिन भाजपा इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। करुणानिधि ने न सिर्फ मोदी को मेहनती कहा, बल्कि उन्हें अपना दोस्त भी बताया है। भाजपा को नए सहयोगियों की जरूरत पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे बड़े राज्यों में है, जहां उसके लिए अकेले जीत हासिल करना मुश्किल है। वैसे ओड़िशा में बीजद के बागी प्यारी मोहन महापात्र राजग का दामन थामने के लिए तैयार हैं। लेकिन भाजपा महापात्र से हाथ मिलाकर नवीन पटनायक को फिलहाल नाराज नहीं करना चाहती है। भाजपा का मानना है कि चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर नवीन पटनायक सबसे पहले मदद के लिए आगे आ सकते हैं। नवीन पटनायक की तरह ममता बनर्जी को भी चुनाव के बाद संभावित सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है। सीमांध्र में भले ही चुनाव के पहले किसी दल से समझौता न हो, लेकिन कांग्रेस के घोर विरोधी वाइएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू दोनों भाजपा नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है। जबकि नवगठित तेलंगाना में भाजपा टीआरएस के चंद्रशेखर राव के रुख पर नजर रखे हुए है। भाजपा नेताओं का मानना है कि झारखंड की झाविपा भी चुनाव के पहले या बाद में राजग में आ सकती है।