राजग का कुनबा बढ़ाने को सर्वेक्षणों का सहारा
हालिया सर्वेक्षणों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बढ़त के मजबूत संकेतों के साथ ही पार्टी ने चुनाव बाद गठबंधन के प्रयासों की हवा बनानी अभी से शुरू कर दी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सर्वेक्षणों में भाजपा को मिल रहे वोटों के मुकाबले प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को मिल रहे ज्यादा समर्थन क
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हालिया सर्वेक्षणों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बढ़त के मजबूत संकेतों के साथ ही पार्टी ने चुनाव बाद गठबंधन के प्रयासों की हवा बनानी अभी से शुरू कर दी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सर्वेक्षणों में भाजपा को मिल रहे वोटों के मुकाबले प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को मिल रहे ज्यादा समर्थन को भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विस्तार का आधार बताया। वहीं, कांग्रेस ने इन सर्वेक्षणों को खारिज कर दिया और कहा कि नतीजों का इंतजार करिए।
जेटली ने 2014 के लोकसभा चुनावों पर दो विभिन्न एजेंसियों के सर्वेक्षणों पर लंबा आलेख लिख नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वृहत्तर राजग की सरकार बनने को अवश्यांभावी करार दे दिया। वह मानते हैं कि सर्वेक्षण काफी हद तक विश्वसनीय हैं, लेकिन इनसे अभी केवल जनता के मूड का रुख भांपा जा सकता है। ये सर्वेक्षण इतना संकेत कर रहे हैं कि भाजपा सबसे आगे है। लोकसभा चुनाव में अधिकतम मिली 183 सीटों से भी ज्यादा का अनुमान आ रहा है। भाजपा के सहयोगी शिवसेना और अकाली दल भी बेहतर करते दिख रहे हैं। कांग्रेस अपने इतिहास में सबसे निचले स्तर यानी दहाई के आंकड़े में जाती दिख रही है। करीब 10 राजनीतिक दलों को पांच से 25 सीटें मिलेंगी। दरअसल, सर्वेक्षणों में गैर-संप्रग और गैर-राजग दलों को इनकी तुलना में ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है। जेटली ने लिखा कि जाहिर तौर पर ये सब दल आपस में मिलकर तो सरकार बना नहीं सकते। मसलन सपा-बसपा, द्रमुक-अन्नाद्रमुक और वामदल-तृणमूल एक साथ हो नहीं सकते।