नीट की आलोचना पर सरकार ने कहा, आदेश अदालत का है
देशभर के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट इसी सत्र से आयोजित करने का मामला सोमवार को फिर लोकसभा में उठा।
नई दिल्ली, प्रेट्र । देशभर के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट इसी सत्र से आयोजित करने का मामला सोमवार को फिर लोकसभा में उठा। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया और अव्यावहारिक फैसला है। इसे अगले साल से लागू किया जाना चाहिए था। जब उन्होंने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया, तो संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
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हमने अदालत से राज्यों का पक्ष सुनने का अनुरोध किया है। लेकिन यहां मैं आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं दे सकता। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) का पहला चरण एक मई को हो चुका है। इसका दूसरा चरण 21 जुलाई को होगा।
नई याचिकाओं पर सुनवाई कल
जम्मू-कश्मीर सहित कुछ राज्यों और निजी संस्थानों की ओर से मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। इन राज्यों और निजी संस्थानों ने अनुरोध किया है कि उन्हें पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा लेने की इजाजत दी जाए।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कल इस मामले में सुनवाई का निर्देश दिया। याचिका दायर करने वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर के अलावा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं। कर्नाटक के कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों ने भी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
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