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रेलवे की 38 परियोजनाएं निवेश के लिए खोली गई

मोदी सरकार ने 38 रेल परियोजनाओं को घरेलू के साथ-साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के लिए खोलने का फैसला किया है। इनमें आनंद विहार, बिजवासन और चंडीगढ़ में स्टेशन टर्मिनल और कानपुर व मुगलसराय में लोको पायलट प्रशिक्षण संस्थान खोलने की परियोजनाएं शामिल हैं।

By Kamal VermaEdited By: Tue, 11 Nov 2014 08:13 PM (IST)
रेलवे की 38 परियोजनाएं निवेश के लिए खोली गई

नई दिल्ली [संजय सिंह]। मोदी सरकार ने 38 रेल परियोजनाओं को घरेलू के साथ-साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के लिए खोलने का फैसला किया है। इनमें आनंद विहार, बिजवासन और चंडीगढ़ में स्टेशन टर्मिनल और कानपुर व मुगलसराय में लोको पायलट प्रशिक्षण संस्थान खोलने की परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें कांचरापारा व पलक्कड़ में कोच फैक्टि्रयों और मुंबई-अहमदाबाद व चेन्नई-बेंगलूर के बीच हाईस्पीड गलियारों का निर्माण भी शुमार है। इन परियोजनाओं में सरकार वायबिलिटी गैप फंडिंग नीति के तहत 20 फीसद तक वित्तीय मदद देने को तैयार है।

जिन 13 स्टेशनों पर पैसेंजर टर्मिनलों के निर्माण के लिए घरेलू व विदेशी कंपनियों को आमंत्रित किया है, उनमें आनंद विहार, बिजवासन, चंडीगढ़, हबीबगंज, भुवनेश्र्वर, नागपुर शिवाजीनगर, सूरत, गांधीनगर, विजयवाड़ा स्टेशन शामिल हैं। मुंबई- अहमदाबाद तथा चेन्नई-बेंगलूर-मैसूर हाईस्पीड कॉरीडोर के लिए भी एफडीआइ की दरकार है। मुंबई-अहमदाबाद के बीच 534 किमी का हाईस्पीड कारीडोर बनाने पर 63,000 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है। चेन्नई-बेंगलूर-मैसूर कॉरीडोर के एलाइनमेंट और लागत का अनुमान लगाया जाना अभी शेष है। इसके अलावा चौदह हजार करोड़ रुपये लागत के 49 किमी लंबे सीएसटीएम-पनवेल उपनगरीय कॉरीडोर के निर्माण के लिए भी एफडीआइ आमंत्रित किया गया है।

मालगाडि़यों के लिए फ्रेट लाइन बिछाने की 11 परियोजनाएं भी एफडीआइ के लिए खोल दी गई हैं। इनमें दानकुनी-गोमो, ह्वाइटफील्ड-कोलार, उत्तर-पूर्व डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर की कुछ नई लाइनें हैं। साथ ही अजमेर-बांगड़ग्राम दोहरीकरण, दुर्ग-राजनांदगांव, वर्धा-नागपुर, भद्रक-नरगंडी, संबलपुर-तालचर, मनोहरपुर-बोंडामंडा तथा राजखरस्वान-चंद्रहरपुर तिहरीकरण परियोजनाएं शामिल हैं।

रोलिंग स्टॉक के निर्माण की पांच परियोजनाओं में भी एफडीआइ चाहिए। ये हैं : मेमू/एमू रेल कोच फैक्ट्री, कांचरापारा (पश्चिम बंगाल), अल्युमिनियम कोच फैक्ट्री, पलक्कड़ (केरल), सोनपुर वैगन ओवरहालिंग फैक्ट्री, अनारा कोच मरम्मत फैक्ट्री तथा बरौनी, दौंड, मुगलसराय, बोंडामुंडा के लोकोमोटिव मेंटीनेंस डिपो।

इसके अलावा पश्चिम बंगाल की कटवा-अजीमगंज-नलहाटी व अजीमगंज-तिलडंगा/न्यू फरक्का की विद्युतीकरण परियोजनाओं में भी एफडीआइ की उम्मीद की गई है। सिग्नलिंग की भी तीन परियोजनाओं में भी विदेशी निवेश की दरकार है। ये हैं : आगरा-ग्वालियर, ग्वालियर-बढ़पुरा तथा बढ़पुरा-बीना विद्युतीकरण परियोजनाएं।

एफडीआइ की मदद से रेलवे के तकनीकी कर्मचारियों व लोको पायलटों के प्रशिक्षण के लिए छह आधुनिक प्रशिक्षण संस्थान तथा देश भर में अत्याधुनिक लांड्रियां खोलने का सरकार का इरादा है। लोको पायलट प्रशिक्षण संस्थान कानपुर, मुगलसराय, कुर्ला, आसनसोल, विशाखापत्तनम तथा आवडी में खोले जाएंगे।

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