ई-टिकटों की बिक्री में रेलवे का नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली [जाब्यू]। आइआरसीटीसी ने एक दिन में ई-टिकटों की बुकिंग का नया रिकॉर्ड बनाया है। बुधवार 19 मार्च को आइआरसीटीसी की वेबसाइट ने 5.
By Edited By: Updated: Thu, 20 Mar 2014 08:30 PM (IST)
नई दिल्ली [जाब्यू]। आइआरसीटीसी ने एक दिन में ई-टिकटों की बुकिंग का नया रिकॉर्ड बनाया है। बुधवार 19 मार्च को आइआरसीटीसी की वेबसाइट ने 5.80 लाख रेलवे टिकटों की बुकिंग की। इससे पहले पिछले साल दो सितंबर को सबसे ज्यादा 5.72 लाख ई-टिकट बुक किए गए थे।
पिछले एक साल के दौरान आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुक होने वाले ई-टिकटों में 20 फीसद और इन पर यात्रा करने वालों में 38 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। अभी वेबसाइट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आइआरसीटीसी डॉट सीओ डॉट इन) पर रोजाना औसतन 4.63 लाख रेल टिकटों की बुकिंग पर 9.47 लाख लोग सफर करते हैं। पिछले साल 3.85 लाख टिकटों की बुकिंग पर 6.86 लाख लोग यात्रा करते थे। पिछले साल ई-टिकटों की बिक्री से 37 करोड़ रुपये का कारोबार होता था। जबकि इस साल यह आंकड़ा 53 करोड़ रुपये को पार कर गया है। इस तरह आइआरसीटीसी की वेबसाइट दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स साइटों में शामिल हो गई है। पढ़ें : आपकी वेटिंग सीट कन्फर्म हुई तो पहुंच जाएगा एसएमएस बुकिंग बढ़ाने व यात्रियों को सहूलियत देने के लिए आइआरसीटीसी ने कई कदम उठाए हैं और काफी निवेश भी किया है। इनके तहत सर्वरों को अपग्रेड कर सॉफ्टवेयर में सुधार किया गया है। हाल में तत्काल अवधि (सुबह दस से दोपहर 12 बजे) के दौरान 'आइआरसीटीसी लाइट' की सुविधा शुरू की गई है। इसके तहत तत्काल बुकिंग से असंबद्ध व अनुपयोगी सभी तरह के लिंक, तस्वीरें, विज्ञापन सेवाएं, फीचर हटा दिए जाते हैं। इससे तत्काल अवधि में ई-टिकटों की बुकिंग बढ़ गई है। पहले 10 बजे से 11 बजे जहां औसतन 48 हजार बुकिंग होती थी, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 58 हजार बुकिंग पर पहुंच गया है।
वास्तव में दो, 16 और 23 फरवरी 2014 को तत्काल बुकिंग के नए रिकॉर्ड बने। इस दौरान क्रमश: 70,661, 71,754 और 71,225 टिकट बुक कराए गए। अभी रेलवे के तकरीबन आधे आरक्षित टिकटों की बिक्री आइआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये होती है। पिछले साल रेल मंत्री ने आइआरसीटीसी वेबसाइट की क्षमता को प्रति मिनट दो हजार से बढ़ाकर सात हजार करने की घोषणा की थी। साथ ही कहा था कि वेबसाइट किसी भी वक्त 40 हजार की बजाय 1.2 लाख टिकट बुक करने में समर्थ होगी। इसे संभव बनाने के लिए आइआरसीटीसी लगातार काम कर रही है।