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कैराना में आतंक का नया कंट्रोलरूम

आतंक का नापाक चेहरा बेनकाब होते ही एक के बाद एककई चौंकाने वाली कड़ियां सामने आने लगी हैं। इन कड़ियों को जोड़कर देखें तो खौफ की चिट्ठी पर आतंक के कंट्रोलरूम का नया पता कैराना लिखा मिल रहा है। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जांच में संदिग्ध मिले नंबरों की लोकेशन एक दज

By Edited By: Updated: Sat, 11 Jan 2014 10:23 PM (IST)
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मनीष शर्मा, शामली। आतंक का नापाक चेहरा बेनकाब होते ही एक के बाद एक कई चौंकाने वाली कड़ियां सामने आने लगी हैं। इन कड़ियों को जोड़कर देखें तो खौफ की चिट्ठी पर आतंक के कंट्रोलरूम का नया पता कैराना लिखा मिल रहा है। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जांच में संदिग्ध मिले नंबरों की लोकेशन एक दर्जन से ज्यादा बार कैराना में मिली है। इतना ही नहीं विदेशी नंबरों को इंटरनेशनल रोमिंग में लाने के साथ-साथ एसटीडी नंबरों को भी कैराना और आसपास इस्तेमाल किया गया है। खुफिया एजेंसियों की नजर कैराना में बने दंगा राहत से जुड़े एक निजी कार्यालय पर भी गड़ गई हैं। शक है कि यहीं से संदिग्ध गतिविधियों को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई गई।

लश्कर-ए-तयबा के मेवात मॉड्यूल के अब्दुल सुभान का जलालाबाद के जमीरुल इस्लाम और कुल्हेडी के लियाकत से कनेक्शन की केबल का रास्ता कैराना से होकर गुजरा। अब इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर के पंद्रह आतंकियों के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने की एनआईए की सूचना ने होश उड़ा दिए। अब खुफिया एजेंसियां शामली में आतंकियों की संभावित शरणस्थली को खंगाल रही है। इसी कड़ी में शामली के जलालाबाद और उसके आसपास क्षेत्र से होकर कैराना से जुड़ती दिखी रही है। दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आतंकी सुभान के पकड़े जाने से पहले और दंगे के बाद से पांच संदिग्ध नंबरों की लोकेशन लगातार कैराना और आसपास के क्षेत्रों में मिली है। सूत्र बताते हैं कि इनमें विदेशी नंबर भी हैं, जो इंटरनेशनल रोमिंग में काम करते मिले हैं। इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों के नंबरों से भी रोमिंग में लोकल नंबरों पर लंबी और कई मर्तबा बात की गई है। ऐसे में आइएम मॉड्यूल के वेस्ट यूपी खासकर शामली, मुजफ्फरनगर के अलावा सहारनपुर और बागपत में सक्रिय होने की आशंका को बल मिल रहा है।

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काना का कनेक्शन, जलालाबाद तक जडपाकिस्तान में बैठे आइएसआइ एजेंट कैराना का इकबाल काना पहले भी शामली और आसपास के इलाकों में भर्ती अभियान चलाता रहा है। जलालाबाद क्षेत्र भी काना के कनेक्शन में है। संभावना जताई जा रही है कि काना के इशारे पर ही जलालाबाद को टारगेट किया गया। आतंकी इकबाल काना का रिश्तेदार जलालाबाद क्षेत्र के गांव हसनपुर लुहारी का आस मोहम्मद भी आतंकी गतिविधियों में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। इससे पूर्व शामली के लिलौन, कैराना और एक कॉलेज से आतंकी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनका कनेक्शन इकबाल काना से रहा है। चूंकि काना की जन्म व कर्मस्थली कैराना रहा है तो खुफिया एजेंसियां भी इसे आतंक के कंट्रोल रूम की तरह देख रही हैं।

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