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देवेंद्र फड़नवीस: 21 में पार्षद, 27 में मेयर अब 44 की उम्र में मुख्यमंत्री

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र गंगाधर राव फड़नवीस आज जिस मुकाम पर हैं वो मुकाम हासिल करने के लिए बड़े-बड़ों की सारी उम्र बीत जाती है। फड़नवीस के राजनैतिक सफर के रोचक तथ्यों के बारे में जानकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी।

By vivek pandeyEdited By: Updated: Fri, 31 Oct 2014 05:59 PM (IST)
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र गंगाधर राव फड़नवीस आज जिस मुकाम पर हैं वो मुकाम हासिल करने के लिए बड़े-बड़ों की सारी उम्र बीत जाती है। फड़नवीस के राजनैतिक सफर के रोचक तथ्यों के बारे में जानकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी।

महाराष्ट्र का पहला ऐसा नेता जो दो बार बना मेयरफड़नवीस ने 90 के दशक में अपना राजनैतिक सफर शुरू किया था। 21 की ही उम्र में वे नागपुर नगर निगम में पार्षद चुने गए थे। नगर निगम के दूसरे सत्र में भी उनका पद बरकरार रहा। वे नागपुर नगर निगम में चुने गए सबसे कम उम्र के पार्षद थे। 1997 में नागपुर की जनता ने देवेंद्र फड़नवीस का कद और बढ़ा दिया। जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताकर मेयर बना दिया। वे महज 27 की ही उम्र में मेयर बन गए थे। वे जनता के बीच इस कदर हिट हुए कि उन्हें दूसरी बार मेयर बनाया गया। बता दें कि 27 की उम्र में मेयर बनकर फड़नवीस देश के दूसरे सबसे कम उम्र के मेयर बने थे। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में फणनवीस ही एक ऐसे नेता हैं जो दो बार लगातार मेयर चुने गए। 1999 में उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा का सदस्य चुना गया। तब से अब तक वे महाराष्ट्र विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।

ऐक्सिस बैंक में ब्रांच मैनेजर हैं फणनवीस की पत्नी

देवेंद्र फणनवीस एक मध्यम वर्गीय परिवार से वास्ता रखते हैं। उनके पिता गंगाधर राव भी नागपुर से एमएलसी थे। गंगाधर राव पहले जनसंघ से जुड़े बाद में जनता पार्टी और बीजेपी के साथ उनका लंबा सफर रहा। 1987 में गंगाधर राव की कैंसर के चलते मौत हो गई। 2006 में देवेंद्र फड़नवीस की अम्रुता रनाडे से शादी हुई। अम्रुता रनाडे नागपुर में एक्सिस बैंक की ब्रांच मैनेजर हैं। अम्रुता की कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि नहीं है। उनकी मां और पिता डॉक्टर हैं।

वकालत के बाद किया मैनेजमेंट कोर्सदेवेंद्र फड़नवीस ने नागपुर लॉ कालेज से वकालत पूरी की है। इस दौरान वे एबीवीपी के सक्रिय मेंबर भी रहे। वकालत पूरी करने के बाद फणनवीस ने डीएसई (जर्मन फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) बर्लिन से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट किया।

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