Move to Jagran APP

गैरकानूनी ईट भट्ठों पर कार्रवाई करें यूपी, हरियाणा : एनजीटी

गैरकानूनी ईट भट्टों पर एक याचिका का निपटारा करते हुए अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी ने कार्रवाई का आदेश दिया।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 06 Oct 2017 08:47 PM (IST)
Hero Image
गैरकानूनी ईट भट्ठों पर कार्रवाई करें यूपी, हरियाणा : एनजीटी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान से वायु प्रदूषण फैलाने वाले गैरकानूनी ईट भट्ठों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है।

गैरकानूनी ईट भट्टों पर एक याचिका का निपटारा करते हुए अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी ने कार्रवाई का आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि ईट भट्ठे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह हैं।

एनजीटी की पीठ ने कहा, 'याचिका में उठाया गया प्रमुख मुद्दा यह है कि ट्रिब्यूनल के आदेश तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए हम हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो को यह निर्देश देते हुए इस आवेदन का निपटारा करते हैं कि वे इसके मुद्दों पर विचार करें तथा अनावश्यक देरी किए बगैर कानून के अनुसार उपयुक्त कदम उठाएं।'

ईट भट्ठे स्वास्थ्य के लिए घातक :

आवेदन में याचिकाकर्ता सुनील कुमार ने कहा था कि ईट भट्ठों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की भीषणता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि एक किलोग्राम कोयले के जलने से कम से कम चार किलोग्राम हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ईट भट्ठों से निकलने वाली सल्फर ऑक्साइड से आंखों में जलन होती है, कार्बन मोनो ऑक्साइड से तापमान बढ़ता है जबकि नाइट्रोजन ऑक्साइड से फेफड़ों तथा त्वचा के संक्रमण का खतरा पैदा होता है।

पुराना है ईट भट्ठों का मामला :

ईट भट्ठों के खिलाफ सुनील कुमार की याचिका कई वर्ष पुरानी है। इस पर एनजीटी पहले भी कई बार अलग अलग निर्देश जारी कर चुका है। ईट भट्ठों पर एनजीटी का हथौड़ा सबसे पहले 2013 में चला था। जब पहली बार उसने पूरे देश में बिना पर्यावरण मंजूरी के ईटों के लिए मिट्टी निकालने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद एनजीटी ने हरियाणा को गैरकानूनी ईट भट्ठों पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। एनजीटी के आदेशों से उत्तर प्रदेश के ईट भट्ठा मालिक इतना आंदोलित हो गए थे कि 2015 में उन्होंने राज्य के 17,000 ईट भट्ठों को बंद करने की चेतावनी दे डाली थी।

दिल्ली-एनसीआर में भी ईट भट्ठे :

यूपी, हरियाणा के ईट भट्ठों के कारण दिल्ली एनसीआर का पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। इस साल फरवरी में सुप्रीमकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में दिल्ली प्रदूषण (निषेध एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कहा था कि 1996 में सुप्रीमकोर्ट के दिल्ली स्थित सभी ईट भट्ठों को बंद करने के बावजूद एनसीआर में सैकड़ों ईट भट्ठे धड़ल्ले से चल रहे हैं। पहले जहां ये दिल्ली में थे, वहीं अब पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट हो गए हैं। इस समय एनसीआर में 2080 ईट भट्ठे हैं, जिनमें से 700 ईट भट्ठे अकेले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर तथा हापुड़ में हैं। ईट भट्ठों की क्षमता भी पहले के मुकाबले चार से आठ गुना तक बढ़ गई है।