इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आरोपपत्र जल्द
राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] केरल में दो मछुआरों के हत्यारोपी इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ जल्द ही आरोपपत्र दाखिल कर देगी। गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एजेंसी को नौसैनिकों के खिलाफ समुद्री परिवहन व पोत के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून [सुआ] के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। कानून के तहत दोषी को केवल मौत की सजा दी जाती है। शुक्रवार को नई दिल्ली में होने वाले यूरोपीय संघ-भारत राजनीतिक विचार-विमर्श के एजेंडे में भी इस मामले को श
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] केरल में दो मछुआरों के हत्यारोपी इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ जल्द ही आरोपपत्र दाखिल कर देगी। गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एजेंसी को नौसैनिकों के खिलाफ समुद्री परिवहन व पोत के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून [सुआ] के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। कानून के तहत दोषी को केवल मौत की सजा दी जाती है। शुक्रवार को नई दिल्ली में होने वाले यूरोपीय संघ-भारत राजनीतिक विचार-विमर्श के एजेंडे में भी इस मामले को शामिल किया गया है।
माना जा रहा है कि एजेंसी 3 फरवरी से पहले आरोपपत्र सुप्रीम कोर्ट को नहीं सौंपेगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि इतालवी नौसैनिकों पर सुआ लगाने को लेकर इटली सरकार के साथ चल रहे सभी विवाद 3 फरवरी तक निपटा लिए जाएंगे। इटली के जहाज एनरिका लेक्सी पर सवार नौसैनिक मैसीमिलैनो लातोरे और सल्वाटोर गिरोन पर केरल के समुद्र तट पर 15 फरवरी, 2012 को गोली मारकर दो मछुआरों की हत्या का आरोप है। एनआइए ने प्रत्यक्षदर्शी चार इतालवी नौसैनिकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ के बाद अपनी जांच पूरी कर ली है। इतालवी सरकार ने भी नौसैनिकों पर सुआ लगाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल, सुआ समुद्री लुटेरों पर लगाया जाता है। इटली की विदेश मंत्री एम्मा बोनिनो पहले ही कह चुकी हैं कि उनके नौसैनिकों पर भारत में चलाया जा रहा मामला भारत-यूरोपीय संघ राजनीतिक विचार-विमर्श के एजेंडा में है।