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स्टार्ट अप के लिए टैक्स छूट की अवधि बढ़ाने की मांग

वाणिज्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से स्टार्ट अप्स को मिलने वाली टैक्स छूट की अवधि बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 30 May 2016 07:24 PM (IST)
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नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय चाहता है कि स्टार्ट अप्स को मौजूदा तीन वर्ष के बजाये सात वर्ष तक टैक्स छूट मिले। देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से स्टार्ट अप्स को मिलने वाली टैक्स छूट की अवधि बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय चाहता है कि नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक है कि उनके स्थापित होने तक उन्हें करों में छूट मिले। इस सिलसिले में वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्ट अप शुरू करने वाले कई युवा उद्यमियों से मुलाकात कर उनकी राय जानी। टैक्स छूट की अवधि बढ़ाने की मांग के संबंध में मिली सभी सिफारिशों को अब वित्त मंत्रालय के विचारार्थ भेजा गया है। सीतारमण ने कहा कि उनका मंत्रालय इस मामले में वित्त मंत्रालय के साथ फिर से बातचीत करेगा।

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अपने मंत्रालय के दो साल के कामकाज की रिपोर्ट देते हुए सीतरामण ने कहा कि इस अवधि में देश में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में काफी तेज वृद्धि हुई है। जून 2014 से लेकर जनवरी 2016 तक एफडीआइ के प्रवाह में 53 फीसद की वृद्धि हुई है। बीते बीस महीने में यह 39.19 अरब डालर से बढ़कर 60.04 अरब डालर हो गया है। 2015-16 में देश में अब तक का सर्वाधिक एफडीआइ 51 अरब डालर आया।

ब्याज सब्सिडी का लाभ

सीतारमण ने कहा कि पिछले साल सरकार की तरफ से जारी निर्यात सब्सिडी स्कीम निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगी। 31 मार्च 2016 तक इस मद में जारी पूरी राशि का इस्तेमाल निर्यातकों द्वारा किया जा चुका है। जल्दी ही इसके नतीजे भी दिखने शुरू हो जाएंगे।

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एफटीए पर ईयू की अड़चन

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि यूरोपीय यूनियन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर फिर से बातचीत शुरू करने से पहले कुछ गलतफहमी दूर करना चाहता है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ये गलतफहमी क्या है। सीतारमण ने कहा कि उन्होंने ईयू ट्रेड कमिश्नर को बातचीत दोबारा शुरू करने के लिए दोनों पक्षों की बैठक बुलाने को पत्र लिखा था। उसके जवाब में ईयू से यह जवाब आया है।

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