सेक्टर-120 स्थित प्रतीक लोरियल अपार्टमेंट में महिला आर्किटेक्ट पारुल व उसकी बेटी आयुषी की हत्या नितिन ने ही की थी! अभी तक की जांच में सामने आए सुबूत यही इशारा कर रहे हैं। अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व नितिन के मोबाइल फोन की लोकेशन से पता चला है कि हत्या के समय वह फ्लैट म
By Edited By: Updated: Tue, 22 Jul 2014 08:48 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-120 स्थित प्रतीक लोरियल अपार्टमेंट में महिला आर्किटेक्ट पारुल व उसकी बेटी आयुषी की हत्या नितिन ने ही की थी! अभी तक की जांच में सामने आए सुबूत यही इशारा कर रहे हैं। अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व नितिन के मोबाइल फोन की लोकेशन से पता चला है कि हत्या के समय वह फ्लैट में ही था। 16 जुलाई की शाम से लेकर 19 जुलाई सुबह तक नितिन अपने फ्लैट से बाहर नहीं निकला था। उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि पारुल व उसकी बेटी की हत्या 16-17 जुलाई को ही कर दी गई थी।
गौरतलब है कि परिजनों की सूचना पर पुलिस ने पारुल व आयुशी के शव उनके फ्लैट से बरामद किए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पारुल की हत्या गला दबाकर की गई, जबकि आयुशी की मौत भी सांस रुकने की वजह से हुई थी। डाक्टरों का मानना है कि आयुशी की नाक व मुंह बंद करके सांस रोकी गई है। इससे पहले पुलिस मान रही थी कि पारुल की हत्या चाकू से हमला करके की गई है। मौके पर मिला चाकू व फर्श पर मिले खून के धब्बे भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहे थे। लेकिन अब डॉक्टरों का कहना है कि पारुल की कलाई पर चाकू का वार किया गया था। उसके हाथ की नस काटने की कोशिश की गई है।
उधर, मामले की जांच कर रही कोतवाली सेक्टर 58 पुलिस ने इस संबंध में अपार्टमेंट के सिक्योरिटी गार्ड व अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं। नितिन की कंपनी के लोग भी इनमें शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि 19 जुलाई की सुबह फ्लैट से निकलने के बाद नितिन शाम को फिर वापस फ्लैट में आ गया था। यहां से उसने अपने साले के पास फोन किया और बताया था कि उसका सब कुछ लुट चुका है। फोन करने के 12 मिनट बाद नितिन फिर फ्लैट से बाहर निकल गया था। उसी रात करीब साढ़े आठ बजे उसकी वैगन आर कार नोएडा एक्सप्रेस वे पर जली हुई हालत में मिली थी। कार में एक व्यक्ति भी जली हुई हालत में मृत मिला था। पुलिस के लिए अब यह मामला बेहद पेचीदा हो गया है। मां-बेटी की हत्या व कार में मिली लाश के पीछे कोई साजिश तो नहीं, इसका पता लगाने में पुलिस टीम जुट गई है। शक का आधार:
1-मोबाइल लोकेशन : पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय दोनों की हत्या हुई, उस समय नितिन फ्लैट में था, यह बात उसके मोबाइल की लोकेशन से पुष्ट हो रही है। 2-सीसीटीवी कैमरे की फुटेज:
अपार्टमेंट की लिफ्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे से पता चला है कि 16 जुलाई से लेकर शव मिलने तक पारुल व आयुशी घर से बाहर नहीं निकली थीं। नितिन को शाम में लिफ्ट के जरिये अपने फ्लैट में जाते हुए देखा गया। 3-कैमरे व मोबाइल लोकेशन से मिली गतिविधियों की जानकारी 16 जुलाई: - शाम 5 बजे नितिन सूरजपुर स्थित यामाहा कंपनी से घर के लिए निकला - 5.54 लिफ्ट के रास्ते फ्लैट में पहुंचा 19 जुलाई: - सुबह 7.31 बजे लिफ्ट के जरिये अपने फ्लैट से बाहर निकला - 2.30 बजे तक सोसाइटी के आसपास ही घूमता रहा -शाम 6.30 बजे सीढि़यों के रास्ते फ्लैट में पहुंचा - 6.44 बजे साले के पास फोन किया - 6.57 बजे लिफ्ट के जरिये फ्लैट से बाहर निकल गया - 7.30 बजे ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क पहुंचा - 8 बजे नोएडा एक्सप्रेस वे पर नितिन की वैगनआर कार में आग लगी - 8.30 बजे पुलिस ने आग पर काबू पाया तो ड्राइविंग सीट पर एक युवक का शव पूरी तरह जली अवस्था में पड़ा मिला आखिर कहां गया नितिन! नितिन को लेकर पुलिस में असमंजस की स्थिति अभी भी बनी हुई है। अधिकारी खुलकर यह नहीं कह पा रहे कि कार में मिला शव किसका था? जिस प्रकार पूरी वारदात सामने आई है, उससे पुलिस फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। जांच से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, 16 जुलाई से 19 जुलाई तक नितिन फ्लैट में ही था। लेकिन पत्नी व बेटी की हत्या करने के बाद वह अकेला क्या करता रहा, इसका पता लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि नितिन का इरादा शवों को ठिकाने लगाने का रहा होगा। फ्लैट से उसका बाहर जाना व लौटकर आना इसका संकेत है। संभव है कि अपार्टमेंट में सिक्योरिटी गार्डो की मौजूदगी के चलते वह शव बाहर निकालने की हिम्मत न जुटा पाया हो। पढ़ें:
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