एक मंच पर लालू-नीतीश जमकर चले व्यंग्यबाण
अरसे बाद एक मंच पर आए बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने एक-दूसरे की जमकर चुटकी ली। एक कार्यक्रम में उपस्थित लालू ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यहां मीडिया पर अघोषित पाबंदी है। उन्होंने परोक्ष रूप से नीतीश पर मीडिया को नियंत्रित करने का आरोप लगाया। जवाब में नीतीश ने लालू को ऐसा नेता बताया जिन्हें अखबार में अपनी तस्वीर देखे बिना खाना हजम नहीं होता। नीतीश ने लालू के हाल में ट्विटर पर आने पर भी तंज कसा।
पटना [जागरण संवाददाता]। अरसे बाद एक मंच पर आए बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने एक-दूसरे की जमकर चुटकी ली। एक कार्यक्रम में उपस्थित लालू ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यहां मीडिया पर अघोषित पाबंदी है। उन्होंने परोक्ष रूप से नीतीश पर मीडिया को नियंत्रित करने का आरोप लगाया। जवाब में नीतीश ने लालू को ऐसा नेता बताया जिन्हें अखबार में अपनी तस्वीर देखे बिना खाना हजम नहीं होता। नीतीश ने लालू के हाल में ट्विटर पर आने पर भी तंज कसा।
70 के दशक में जेपी आंदोलन में गलबहियां डाले दिखने वाले दोनों नेता अब राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए एक-दूसरे के कट्टर विरोधी बन गए हैं। कार्यक्रम में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के दाएं-बाएं बैठे दोनों नेताओं ने खूब तीर छोड़े। लालू ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के पत्रकार ईमानदार हैं। वे अपनी रिपोर्ट भेजते हैं, लेकिन यहां खबरों को ऐसे चुना जाता है जैसे सड़क किनारे पिंजड़े में बंद तोते से भविष्य जानने वाला कार्ड चुनवाया जाता है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा मीडिया की आजादी के पक्षधर रहे हैं। लेकिन मीडिया ने सबसे ज्यादा हमले उन पर ही किए। जवाबी हमले में नीतीश कुमार बोले कि 'उनके' शासनकाल में मीडिया में आने वाली खबरें सत्ता में बैठे लोग तय करते थे। उन्होंने दावा किया आज तक किसी अखबार या चैनल को किसी खबर के लिए कभी फोन नहीं किया। लालू पर तंज कसते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर नए लोग जुड़ें तो बात है लेकिन पुराने लोगों के जुड़ने की बात हजम नहीं होती। ये ट्विटर पर चिंचियाते हैं तो अच्छा नहीं लगता।