पटना में धमाकों के बीच हुई नरेंद्र मोदी की रैली के बाद अब राजनीतिक दलों में जुबानी गोला-बारूद का दौर शुरू हो गया है। मोदी पर कांग्रेस के मंत्रियों व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पलटवार के बाद भाजपा ने भी एक साथ 23 स्थानों पर प्रेस वार्ता कर दोनों पर आतंकवाद से समझौता और तुष्टीकरण की राजनीति करने क
By Edited By: Updated: Tue, 29 Oct 2013 10:42 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पटना में धमाकों के बीच हुई नरेंद्र मोदी की रैली के बाद अब राजनीतिक दलों में जुबानी गोला-बारूद का दौर शुरू हो गया है। मोदी पर कांग्रेस के मंत्रियों व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पलटवार के बाद भाजपा ने भी एक साथ 23 स्थानों पर प्रेस वार्ता कर दोनों पर आतंकवाद से समझौता और तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप जड़ दिया। भाजपा ने दोनों दलों को चेताया कि इस तरह की राजनीति से बाज नहीं आए तो उनका बचा खुचा राजनीतिक आधार भी समाप्त हो जाएगा।
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बचाव में उतरे खुर्शीद, 'शिंदे की जिंदगी पटना तक सीमित नहीं' मंगलवार को राजगीर में चिंतन शिविर से नीतीश तो दिल्ली से कांग्रेस के कई मंत्रियों के निशाने पर मोदी थे। वहीं भाजपा ने पटना में हुए आतंकी धमाकों पर जदयू के साथ-साथ कांग्रेस को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। दिल्ली में पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने धमाकों को आपराधिक लापरवाही करार देते हुए कहा कि कांग्रेस और जदयू की जुगलबंदी में सुरक्षा ताक पर रख दी गई है। मोदी को रोकने में यह दल जितनी मेहनत कर रहे हैं, उसका चौथाई भी आतंकवाद, भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ लगाते तो जनता को राहत मिलती। वहीं लखनऊ से सुधांशु त्रिवेदी, कोलकाता से शाहनवाज हुसैन, पटना से रविशंकर प्रसाद, हैदराबाद से राजीव प्रताप रूड़ी तो बेंगलूर से वेंकैया नायडू ने केंद्र के साथ-साथ नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सुधांशु ने सीधा आरोप लगाया कि रैली में हुए धमाके के लिए भी तुष्टीकरण की राजनीति जिम्मेदार है। उन्होंने इसमें कांग्रेस और जदयू के साथ साथ सपा और बसपा को भी घेरा।
शाहनवाज ने नीतीश पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि अगर उन्हें पटना में हुए धमाकों का गम है तो चेहरे पर मुस्कान क्यों है। ध्यान रहे कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पहले ही इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी में राज्य पुलिस की आनाकानी पर निशाना साध चुके हैं। रविशंकर प्रसाद ने मोदी की सुरक्षा में राज्य सरकार की कोताही पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि यह देश और लोकतंत्र के लिए खतरा है। लेकिन कुछ दलों को सिर्फ वोटबैंक की राजनीति आती है। गौरतलब है कि धमाके के तत्काल बाद ही जदयू और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसमें संघ के हाथ होने की आशंका जता दी थी। नकवी राहुल पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि देश सूद के साथ कांग्रेस नेताओं की कुर्बानी का मुआवजा लौटा चुका है। अब कुर्बानी का राग नहीं अलापना चाहिए।
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