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आडवाणी और मोदी में मतभेद नहीं: राजनाथ

अमरोहा [ज्ञानेंद्र त्रिपाठी]। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के बीच कोई मतभेद नहीं है। आडवाणी के ताजा बयान की गलत व्याख्या की जा रही है। मोदी और आडवाणी के साथ-साथ अन्य भाजपा नेता भी लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे।

By Edited By: Updated: Tue, 04 Jun 2013 08:19 PM (IST)
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अमरोहा [ज्ञानेंद्र त्रिपाठी]। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के बीच कोई मतभेद नहीं है। आडवाणी के ताजा बयान की गलत व्याख्या की जा रही है। मोदी और आडवाणी के साथ-साथ अन्य भाजपा नेता भी लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे।

मंगलवार को भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयपाल सिंह के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में राजनाथ ने कहा, 'भूमि पंजीकरण बिल और खाद्य सुरक्षा बिल को लेकर कांग्रेस यह अफवाह फैला रही है कि भाजपा बिल पास कराना नहीं चाहती, जबकि हमने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा यह बिल पास कराना चाहती है, लेकिन बहस और संशोधन के बाद। अगर बिल में संशोधन नहीं हुआ तो किसानों का भारी नुकसान होगा।' उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो इसके लिए विशेष सत्र और जल्दी बुला ले। हम 20 से 25 जून के बीच भी इस पर बहस को तैयार हैं।

क्रिकेट व फिक्सिंग से जुड़े सवाल पर कुछ भी बोलने से इन्कार करते हुए राजनाथ ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बताया। कहा कि हाल ही में कर्नाटक समेत दूसरे राज्यों के चुनाव में भले ही यह मुद्दा कामयाब नहीं रहा, मगर देश में भ्रष्टाचार आज भी बड़ा मुद्दा है। देश के खजाने को लूटा जा रहा है, जनता कांग्रेस को इसका जवाब देगी। एक सवाल के जवाब में भाजपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से 40 सीटें जीतने का दावा किया।

'राज' के लिए राजनाथ ने गढ़ा फार्मूला

अमरोहा। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नया फार्मूला गढ़ गए। सत्ता से लड़ने वाली भाकियू को सत्ता के सुख समझा गए। बदले में अपने चुनाव चिह्न पर मोहर लगवाने का पक्का आश्वासन ले गए। देते गए दिल्ली में भाकियू के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की आदमकद प्रतिमा लगवाने का भरोसा। राजनाथ फत्तेपुर छीतरा गांव में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।

भाजपा अध्यक्ष ने भाकियू से अपने गठजोड़ को प्रत्यक्ष तौर सार्वजनिक तो नहीं किया, लेकिन उनके क्षत्रपों ने टिकैत की प्रतिमा का अनावरण होते ही भाकियू और भाजपा के बीच के रिश्तों का आवरण हटा दिया। इस गठजोड़ का परिणाम तो भविष्य में साफ होगा, लेकिन जिस तरह भाकियू ने राजनाथ को चरण सिंह व महेंद्र सिंह टिकैत के बाद सबसे बड़ा किसान नेता बताया, उससे यह जरूर स्पष्ट हो गया कि भाकियू भाजपा के पाले में जा बैठी है, जिसे राजनाथ पश्चिमी उप्र में ही नहीं पूरब में भी आजमाएंगे, क्योंकि इस अवसर पर भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष दीवान चंद्र चौधरी भी मौजूद थे जो पूर्वी उप्र के बस्ती जिले से आते हैं।

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