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हार्दिक पटेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्टिंग पर रोक लगाई

गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई तोड़ फोड़ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई के दौरान मीडिया को मामले में रिपोर्टिंग करने से रोक दिया है।जस्टिस जेएस खेहर ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जो भी बात

By Mohit TanwarEdited By: Updated: Thu, 25 Feb 2016 02:04 PM (IST)
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नई दिल्ली। गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई तोड़ फोड़ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई के दौरान मीडिया को मामले में रिपोर्टिंग करने से रोक दिया है।जस्टिस जेएस खेहर ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जो भी बात हो रही है, उसकी रिपोर्टिंग न की जाए। कोर्ट इस मामले में एक आदेश भी जारी करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आंदोलन के दौरान तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर गहरी नाराजगी और चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि कोई भी अपनी मांगों के लिए देश को बंधक नहीं बना सकता। सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

कोर्ट ने इस मसले पर विस्तृत सुनवाई कर दिशा-निर्देश तय करने के संकेत देते हुए कहा कि आंदोलनकारियों और राजनीतिक दलों को नुकसान की भरपाई करनी होगी। न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये टिप्पणियां गुजरात में हुए पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल की याचिका पर सुनवाई के दौरान कीं। लेकिन हरियाणा में हाल में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान को देखते हुए भी कोर्ट की टिप्पणियां महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग करने वाले आंदोलनकारियों ने स्कूल, मॉल, दुकान किसी को नहीं बख्शा। हजारों करोड़ की संपत्ति नष्ट की गई। बुधवार को मामले पर सुनवाई के दौरान जब गुजरात सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने हार्दिक पटेल की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामला निरस्त करने की मांग पर सुनवाई का मसला अब नहीं रह जाता क्योंकि अब मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट को अब मामले की सुनवाई बंद कर देनी चाहिए।

इस पर पीठ ने कहा कि वे आंदोलन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के मसले पर विचार करेंगे। पीठ ने कहा, आंदोलन से जुड़े राजनीतिक दल या संगठन से नुकसान की भरपाई कराई जानी चाहिए। वे इस मसले पर विचार करेंगे और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश तय करेंगे। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की जवाबदेही तय करने के मानक बनाए जाएंगे।

हार्दिक पटेल फिलहाल राजद्रोह के आरोप में जेल में हैं। हार्दिक ने गुजरात में पटेल आरक्षण के लिए आंदोलन चलाया था जिसमें बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया गया। हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उन पर लगे देशद्रोह के आरोप निरस्त करने की मांग की है। हार्दिक पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी है।