Move to Jagran APP

रसोई गैस, केरोसिन कीमत बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। मोदी सरकार पेट्रोलियम क्षेत्र में कोई भी फैसला तात्कालिक हालात को देखते हुए नहीं लेगी। इस नीति के तहत ही हाल केदिनों में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा होने के बावजूद सरकार आम जनता पर नई मूल्य वृद्धि का बोझ नहीं डालने जा रही। हां, पेट्रोल में बाजार मूल्य के मुताबिक और डीजल में हर महीने 50 पैसे की वृद्धि जरूर होती रहेगी। रसोई गैस और केरोसिन की कीमत में बढ़ोतरी के बारे में सरकार सोच भी नहीं रही। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।

By Edited By: Updated: Fri, 04 Jul 2014 09:49 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। मोदी सरकार पेट्रोलियम क्षेत्र में कोई भी फैसला तात्कालिक हालात को देखते हुए नहीं लेगी। इस नीति के तहत ही हाल केदिनों में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा होने के बावजूद सरकार आम जनता पर नई मूल्य वृद्धि का बोझ नहीं डालने जा रही। हां, पेट्रोल में बाजार मूल्य के मुताबिक और डीजल में हर महीने 50 पैसे की वृद्धि जरूर होती रहेगी। रसोई गैस और केरोसिन की कीमत में बढ़ोतरी के बारे में सरकार सोच भी नहीं रही। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।

प्रधान ने बताया कि इराक का संकट सामने है, लेकिन सरकार उसका सामना अपने तरीके से कर रही है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। पेट्रोल को पिछली सरकार ने काफी पहले ही बाजार के हवाले कर दिया है। डीजल की कीमत में भी पिछले 17 महीनों से 50 पैसे की बढ़ोतरी हो रही है। एलपीजी और केरोसिन की कीमत को लेकर हम आम जनता पर कोई बोझ नहीं डालने जा रहे। कुछ लोग आम जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए अफवाह फैला रहे हैं, जो पूरी तरह से निंदनीय है।

हाल ही में पेट्रोलियम उत्पाद कीमत को बढ़ाने को लेकर किरीट पारीख समिति की रिपोर्ट के बारे में प्रधान ने बताया कि वह सिर्फ रिपोर्ट है। जो बातें हमें अच्छी लगेंगी हम सिर्फ उसे स्वीकार करेंगे। वैसे भी इस तरह की रिपोर्ट कोई सार्वजनिक बहस के बाद नहीं बनाई जाती। नई सरकार के समक्ष पेट्रोलियम सेक्टर में प्राथमिकताएं एकदम स्पष्ट हैं। हम देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहते हैं, लेकिन आम जनता के हितों को सर्वोच्च वरीयता देते हैं। नई सरकार के लिए उक्त दोनों लक्ष्य एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं।

कीमत बढ़ोतरी का सुझाव

एक पखवाड़े पहले किरीट पारीख समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इसमें तेल कंपनियों पर बढ़ते बोझ को देखते हुए रसोई गैस की कीमत में 250 रुपये प्रति सिलेंडर और केरोसिन की कीमत में चार रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने का सुझाव दिया गया था। समिति ने डीजल मूल्य भी बढ़ाने का सुझाव दिया था।

किरीट पारीख की अध्यक्षता में संप्रग के कार्यकाल में तीन बार पेट्रोलियम क्षेत्र में समितियां बनाई गई। समिति की रिपोर्ट पर दो बार तो आम जनता पर मूल्य वृद्धि का बोझ भी डाला गया, लेकिन इस बार सरकार के इरादे कुछ अलग दिखते हैं।

पढ़ें: इराक संकट का दिखाई देने लगा है असर, पेट्रोल-डीजल हुआ महंगा

बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर हुआ महंगा

दस जुलाई को आएगा मोदी सरकार का आम बजट