राष्ट्रपति से लेकर पीएम तक के वाहनों पर अब लाल बत्ती नहीं
बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'इस ऐतिहासिक निर्णय में कैबिनेट ने आपात सेवाओं को छोड़ सभी वाहनों से बीकन बत्तियां हटाने का निश्चय किया है।
By Ravindra Pratap SingEdited By: Updated: Thu, 20 Apr 2017 07:18 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में बढ़ते वीआइपी कल्चर पर अंकुश लगाते हुए मोदी सरकार ने सभी नेताओं, जजों तथा सरकारी अफसरों की गाडि़यों से लाल बत्ती हटाने का निर्णय लिया है। इनमें राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, राज्यों के मुख्यमंत्री व मंत्री तथा सभी सरकारी अफसरों के वाहन शामिल हैं। अब केवल एंबुलेंस, फायर सर्विस जैसी आपात सेवाओं तथा पुलिस व सेना के अधिकारियों के वाहनों पर नीली बत्ती लगेगी। यह फैसला एक मई से लागू होगा।
बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'इस ऐतिहासिक निर्णय में कैबिनेट ने आपात सेवाओं को छोड़ सभी वाहनों से बीकन बत्तियां हटाने का निश्चय किया है। इसके लिए संबंधित नियमों में संशोधन होगा।' बहरहाल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इस फैसले की अधिसूचना जनता से राय के बाद जारी की जाएगी। ध्यान रहे कि करीब दस दिन पूर्व बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की अगवानी करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी रूट के नियमित ट्रैफिक में एयरपोर्ट गए थे। शायद उस वक्त तक उन्होंने वीआइपी कल्चर पर अंकुश का निर्णय ले लिया था। यही कारण है कि वह कैबिनेट बैठक में आए तो यह निर्णय सुना दिया।यह भी पढ़ें: आम और खास का फर्क मिटा, पीएम मोदी बोले हर भारतीय VIP
सुप्रीम कोर्ट अनावश्यक लाल बत्तियां हटाने का आदेश दे चुका था। कोर्ट ने 2014 में पुन: लाल बत्ती को स्टेट्स सिंबल बताते हुए कहा था कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों तथा एंबुलेंस, फायर सर्विस, पुलिस तथा सेना को छोड़ किसी को भी लाल बत्ती लगाने की जरूरत नहीं। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विशिष्ट व्यक्तियों की सूची में कटौती को कहा था। जेटली के मुताबिक फैसले के तहत 1998 की मोटर वाहन नियमावली के नियम 108(1-तृतीय) तथा 108(2) में संशोधन किया जाएगा। नियम 108(1-तृतीय) के तहत केंद्र व राज्य सरकारों को वाहनों में लाल बत्ती लगाने योग्य विशिष्ट व्यक्तियों की सूची जारी करने का अधिकार है। जबकि 108(2) के तहत राज्यों को नीली बत्ती लगाने योग्य अधिकारियों की सूची जारी करने का अधिकार दिया।यह भी पढ़ें: रविवार को पेट्रोल पंप बंद हुए तो जरूरी कार्रवाई होगी: केंद्र
इस मौके पर केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'यह आम लोगों की सरकार है। इसीलिए लाल बत्ती और सायरन वाले वीआइपी कल्चर को खत्म करने का फैसला किया है।' इसीतरह केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, 'न्यू इंडिया में हर व्यक्ति वीआइपी है और इस पर दिल से विश्वास कर मैंने कभी लालबत्ती का उपयोग नहीं किया।'कई मंत्रियों ने लाल बत्ती छोड़ी केंद्रीय मंत्रियों ने फैसले के तुरंत बाद अपनी गाडि़यों से लाल बत्ती हटाना शुरू कर दिया। नितिन गडकरी ने सबसे पहले अपनी कार की लाल बत्ती हटाई। इसके बाद गिरिराज सिंह ने बाकायदा पोज देकर अपनी कार की बत्ती हटाई। उमा भारती को भी बत्ती हटाते देखा गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पंजाब और गुजरात समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी कारों से लाल बत्ती हटाने का एलान किया।