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भाजपा से मतभेद नहीं, भूमि अधिग्रहण बिल के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति

एनडीए के अहम घटक दल शिवसेना ने साफ कर दिया है कि वो भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन नहीं करेगी। अध्‍यादेश के कुछ प्रावधानों पर वह सहमत नहीं है। हालांकि शिवसेना ने साफ कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी से उसकी कोई खटपट नहीं

By Tilak RajEdited By: Updated: Thu, 05 Mar 2015 10:51 AM (IST)
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नई दिल्ली। एनडीए के अहम घटक दल शिवसेना ने साफ कर दिया है कि वो भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन नहीं करेगी। अध्यादेश के कुछ प्रावधानों पर वह सहमत नहीं है। हालांकि शिवसेना ने साफ कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी से उसकी कोई खटपट नहीं चल रही है।

शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार के फैसलों पर उनकी पार्टी के रूख का कारण चिंता तथा गरीबों का कल्याण है और इसे अन्य संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।

बता दें कि केंद्र की एनडीए सरकार और महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जब मैं नीतिगत मुद्दों पर कोई निर्णय करता हूं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने भाजपा के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया है। मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा रुख अपनाया, ताकि लोगों की अपेक्षाएं पूरी की जा सकें तथा लोग इस सरकार और पूर्ववर्ती सरकार में अंतर देख सकें।

उद्धव ठाकरे ने बताया कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में कुछ बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। शिवसेना इसके खिलाफ है। इसे साथ ही उन्होंने साफ किया कि शिवसेना भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में नहीं है। लेकिन विधेयक के कुछ प्रावधान किसानों के हितों के खिलाफ हैं। शिवसेना इसका विरोध करते रहेंगे।

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