कश्मीर में हिंसक झड़पों में पांच लोग घायल, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
बडग़ाम जिले में सेना की फायरिंग में दो स्थानीय युवकों की मौत के विरोध में बुधवार को कश्मीर बंद का व्यापक असर नजर आया। इस दौरान छत्तरगाम, नौगाम और कुलगाम में हुई हिंसक झड़पों में पांच लोग घायल हो गए। प्रशासन ने विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलगाववादी नेता
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Thu, 06 Nov 2014 03:10 AM (IST)
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। बडग़ाम जिले में सेना की फायरिंग में दो स्थानीय युवकों की मौत के विरोध में बुधवार को कश्मीर बंद का व्यापक असर नजर आया। इस दौरान छत्तरगाम, नौगाम और कुलगाम में हुई हिंसक झड़पों में पांच लोग घायल हो गए। प्रशासन ने विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलगाववादी नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और कट्टïरपंथी सैयद अली शाह गिलानी को घरों में नजरबंद रखा। इसके अलावा कई इलाकों में लगाए गए कफ्र्यू से भी सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।
बंद का आह्वान ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों गुटों समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों ने किया था। बुधवार सुबह से ही श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न शहरों और कस्बों में बंद का असर नजर आने लगा। प्रशासन ने एहतियातन महाराजगंज, खानयार, नौहट्टा, सफाकदल, रैनावारी और नौगाम पुलिस थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा रखा था। कफ्र्यू मुक्त इलाकों में भी सुरक्षा का पूरा बंदबोस्त था और वहां भी सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान बंद रहे। इस बीच, नौगाम और छत्तरगाम में लोगों ने फायरिंग के विरोध में जुलूस निकाला। नौगाम में प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़पें हुई। पथराव कर रही भीड़ को खदेडऩे के लिए पुलिसकर्मियों ने आंसूगैस और लाठियों का सहारा लिया। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में भी हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने उत्तेजक नारेबाजी करते हुए वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया। इसपर जवानों ने हल्का बल प्रयोग किया। इन झड़पों में पांच लोग जख्मी हुए हैं। हंदवाड़ा, सोपोर, पट्टन, कंगन और गांदरबल में भी हड़ताल का असर रहा, लेकिन इन इलाकों में स्थिति पूरी तरह शांत रही। देर शाम पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कुछ इलाकों में हुई छिटपुट हिंसा के अलावा स्थिति पूरी तरह शांत रही। 53 आरआर स्थानांतरित सेना ने बडगाम फायरिंग का नोटिस लेते हुए बुधवार को 53 आरआर की सैन्य यूनिट को बदलते हुए उसके स्थान पर 35 आरआर को तैनात कर दिया है। इस बीच जिला उपायुक्त ने भी इस घटना की अपनी अंतरिम रिपोर्ट राज्य प्रशासन को सौंप दी है।
माकपा ने अफस्पा हटाने की मांग की माकपा ने इस घटना की निंदा करते हुए जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिक इलाकों से सुरक्षा बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को हटाए जाने की मांग की है। पार्टी द्वारा जारी एक बयान में दोषी जवानों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की गई है।
बडगाम फायरिंग पर गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के बडगाम में सेना की फायरिंग में दो युवकों की मौत मामले में केंद्र सरकार ने राज्य से रिपोर्ट मांगी है। इसमें फायरिंग की वजह से ले कर उसके बाद उठाए गए कदमों तक के बारे में जानकारी मांगी गई है। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले पर रक्षा मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन को नोटिस जारी किया है। सोमवार को हुई फायरिंग में दो युवकों की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे। इसके बाद से कश्मीर घाटी में काफी विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय दलों ने भी इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। अलगाववादी गुटों ने इस घटना के विरोध में हड़ताल भी बुलाई हुई है। मानवाधिकार आयोग ने बुधवार को बताया कि इसने रक्षा मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन को इस मामले में नोटिस जारी किया है। रक्षा मंत्रालय के सचिव और बडगाम के पुलिस अधीक्षक को दो हफ्ते के अंदर इसका जवाब देने को कहा है। पढ़ेंः मुहर्रम पर श्रीनगर में कर्फ्यू जैसी स्थिति, भारी फोर्स तैनात