समलैंगिकता पर अध्यादेश लाने की अभी योजना नहीं
बेंगलूर। समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के लिए केंद्र सरकार फिलहाल अध्यादेश नहीं लाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से शीर्ष अदालत के फैसले पर नाखुशी जताने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि सरकार समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के लिए कानून बना सकती है।
By Edited By: Updated: Sat, 14 Dec 2013 08:36 PM (IST)
बेंगलूर। समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के लिए केंद्र सरकार फिलहाल अध्यादेश नहीं लाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से शीर्ष अदालत के फैसले पर नाखुशी जताने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि सरकार समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के लिए कानून बना सकती है।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को साफ किया कि सरकार की फिलहाल अध्यादेश लाने की कोई योजना नहीं है। एक कार्यक्रम में शामिल होने आए शिंदे से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या शीर्ष अदालत के निर्णय को पलटने के लिए सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। शिंदे ने कहा, 'फिलहाल ऐसा नहीं है। बाकी पार्टी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इस मुद्दे पर बोल चुके हैं। मेरा मत भी उनके साथ है।' समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य: उलेमा गौरतलब है कि इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद करते हुए समलैंगिकता को अपराध करार दिया था। इसके तुरंत बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अदालत के फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। राहुल गांधी ने हाई कोर्ट के फैसले से सहमति जताते हुए कहा था, 'मेरा मानना है कि यह मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता का है। मैं हाई कोर्ट के फैसले से ज्यादा सहमत हूं।' सोनिया गांधी ने भी कहा था कि वह इस फैसले से निराश हैं। उन्होंने कहा था, 'मुझे उम्मीद है कि संसद इस मुद्दे पर विचार करेगी और भारत के हर नागरिक को जीवन और स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार की गारंटी देगी।'
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