दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर अब आप की नजर
दिल्ली विधानसभा चुनाव में विजयी परचम लहराने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की नजर अब दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर है। माना जा रहा है कि यदि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सूबे की सरकार बिजली और पानी को लेकर किए गए अपने वायदों को पूरा करने में कामयाब रही, तो लोकसभा चुनाव में भी पार्टी कांग्रेस व भाजपा को
By Edited By: Updated: Tue, 24 Dec 2013 11:01 AM (IST)
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में विजयी परचम लहराने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की नजर अब दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर है। माना जा रहा है कि यदि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सूबे की सरकार बिजली और पानी को लेकर किए गए अपने वायदों को पूरा करने में कामयाब रही, तो लोकसभा चुनाव में भी पार्टी कांग्रेस व भाजपा को नाकों चने चबवा सकती है।
सियासी जानकारों का कहना है कि दिल्ली में आप की जीत और कांग्रेस की करारी हार का एक सबब यह भी है कि यदि महंगाई पर काबू नहीं पाया गया, तो चौड़ी-चमचमाती सड़कें, फ्लाईओवर, एयरपोर्ट और अन्य ढांचों के विकास का नजारा दिखाना बेमानी होगा। यह ठीक है कि लोगों को मेट्रो व नई-नई बसों में सफर करने का मौका मिला, लेकिन महंगाई ने उनका जीना दूभर कर दिया। ऐसे में यदि आप की सरकार लोगों को महंगे बिजली-पानी के बिलों से छुटकारा दिला देती है, तो राजधानी के लोग उसके पक्ष में वोटों की बरसात कर सकते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे केजरीवाल, रामलीला मैदान में लेंगे शपथ अब सीधे जनता के हाथों में होगी दिल्ली की सत्ता: केजरीवाल
ऐसे संकेत हैं कि लोकसभा के चुनाव आगामी अप्रैल महीने में कराए जा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ, तो आचार संहिता फरवरी में लागू हो जाएगी और जाहिर तौर पर आप की सरकार के पास महज दो महीने का समय ही रहेगा। इस दौरान यदि बहुत सारे फैसले नहीं भी हुए तो बिजली के दाम घटाने और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के वायदे को तो आप की सरकार पूरा कर ही सकती है। इन दोनों मुद्दों में फिलहाल जबरदस्त सियासी ताकत है। आप के बढ़ते प्रभाव से कांगेस के साथ-साथ भाजपा भी बेहद परेशान है। उसे लग रहा है कि यदि आप की सरकार लोकलुभावन फैसले लेती है तो उसके लिए दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर बेहतर प्रदर्शन कर पाना आसान नहीं होगा।
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