अब किसानों को मिलेगा ज्यादा मुआवजा
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के बढ़ते विरोध के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को सरकार का पक्ष जोरदार तरीके से रखा। उनका कहना है कि इससे किसानों के हितों का कोई नुकसान नहीं होगा। भूमि कानून में बदलाव से किसानों को ज्यादा मुआवजा मिलने का रास्ता साफ
By Abhishake PandeyEdited By: Updated: Mon, 05 Jan 2015 09:00 AM (IST)
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के बढ़ते विरोध के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को सरकार का पक्ष जोरदार तरीके से रखा। उनका कहना है कि इससे किसानों के हितों का कोई नुकसान नहीं होगा। भूमि कानून में बदलाव से किसानों को ज्यादा मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा।
अपने फेसबुक पेज पर लिखे एक आलेख में वित्त मंत्री ने कहा है कि राजग सरकार ने इस संशोधन के जरिये विकास और मुआवजा के बीच एक बेहतर सामंजस्य बनाने की कोशिश की है। विकास और जमीन के मालिकाना हक रखने वाले के हितों की रक्षा एक साथ की जानी चाहिए।पीछे छूट जाएंगे विरोध करने वाले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार में जद (यू) नेता नीतीश कुमार के कड़े विरोध की तरफ इशारा करते हुए जेटली ने कहा है कि जो राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं वह अपने राज्य में इसके प्रावधानों को लागू करने से रोक सकते हैं। हालांकि इसका खामियाजा भी इन राज्यों को भुगतना पड़ सकता है। जेटली के शब्दों में, ‘‘यह इतिहास ही तय करेगा कि ये राज्य (संशोधन लागू नहीं करने वाले) किस तरह से प्रतिस्पद्र्धी संघवाद के इस दौर में पीछे छूट जाते हैं।’’
खिलाफत कर रहे हैं विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस, जद यू समेत वाम पंथी दलों और कांग्रेस ने संप्रग सरकार की तरफ से वर्ष 2013 में बनाये गए भूमि अधिग्रहण कानून में कई अहम संशोधन करने के मोदी सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है।पुराने कानून में कई तरह की खामियों को गिनाते हुए जेटली ने कहा है कि स्मार्ट शहर बसाने, शहरीकरण, औद्योगिक कॉरिडोर, कारोबारी केंद्र, रक्षा परियोजनाओं, बंदरगाह, परमाणु केंद्र, राजमार्ग निर्माण, सिंचाई परियोजनाओं में काफी समय लगता है। पुराने कानून में इन्हें पांच वर्षो में पूरा करने का नियम लागू था। अगर यह नियम लागू होता तो हम अधूरी परियोजनाओं वाले देश बन कर रह जाएंगे। पहले के कानून में सरकार की तरफ से अधिग्रहित जमीन पर निजी क्षेत्र को स्कूल व अस्पताल बनाने की इजाजत नहीं थी। इस विसंगति को भी दूर किया गया है।