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पेरिस समझौते के तहत ही भारत एनएसजी की सदस्‍यता के लिए आगे बढ़ा: विकास स्‍वरूप

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्‍वरूप ने कहा है कि भारत एनएसजी में सदस्‍यता के विषय पर पेरिस समझौते के तहत ही आगे बढ़ा है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2016 02:17 PM (IST)

नई दिल्ली (एएनआई)। एनएसजी में भारत को सात देशों द्वारा समर्थन न दिए जाने के बाद भी भारत ने अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा हुआ है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पेरिस सम्मेलन के दौरान हुए समझौते में इस बारे में सकारात्मक फैसला लिया गया और भारत के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की बात कही गई थी। यही वजह थी कि एनएसजी में भारत ने अपनी सदस्यता को लेकर जो अर्जी दी थी उसको न सिर्फ मंजूर किया गया बल्कि उस पर विचार-विर्मश करने की बात भी कही गई थी।

इसी समझौते के तहत ही भारत की अर्जी को तुरंत मंजूर भी कर लिया गया था। उनका कहना है कि भारत ने 2030 तक तो उर्जा संपन्न देश बनने का लक्ष्य रख है उसके लिए यह जरूरी भी है। यह बिल्कुल अगल विषय नहीं है बल्कि एक ऐसा विषय है जिस पर लगातार वर्ष 2011 से एनएसजी में चर्चा होती रही है।

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यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने पर उन्होंने कहा कि भारत के संबंध न सिर्फ ब्रिटेन से बलिक यूरोपियन यूनियन से भी बेहतर हैं। आने वाले समय में भारत अपने रिश्ते और मजबूत करने की दिशा में काम करेगा। विकास स्वरूप का कहना था कि आने वाले दिनों में हम ब्रिटेन से और अधिक मजबूत रिश्ते बनाएंगे।

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