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दौलत व हनक की कॉकटेल से बिगड़े अफसर

सत्ता के गलियारों में ठसक और धनकुबेर बनने का नशा प्रभु झिंगरन से पहले भी कई सरकारी अफसरों पर चढ़ चुका है। पैसे कमाने की होड़ में फर्ज को ताक पर रखने वाले ऐसे अफसरों की फेहरिस्त काफी लंबी है जो जेल की हवा खा चुके हैं। दूरदर्शन के निदेशक से लेकर पत्रकारिता जगत में भी नाम कमाने वाले

By Edited By: Updated: Tue, 18 Feb 2014 12:13 PM (IST)

[राजीव बाजपेयी], लखनऊ। सत्ता के गलियारों में हनक और धनकुबेर बनने का नशा प्रभु झिंगरन से पहले भी कई सरकारी अफसरों पर चढ़ चुका है। पैसे कमाने की होड़ में फर्ज को ताक पर रखने वाले ऐसे अफसरों की फेहरिस्त काफी लंबी है जो जेल की हवा खा चुके हैं।

दूरदर्शन के निदेशक से लेकर पत्रकारिता जगत में भी नाम कमाने वाले प्रभु ंिझंगरन रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े गए तो किसी का यकीन नहीं हुआ। तर्क दिए गए किसी की साजिश है, लेकिन अदालत के फैसले के बाद दशकों तक चली इस बहस का भी अंत हो गया। झिंगरन से पहले रेलवे के चर्चित अफसर केएम त्रिपाठी को भी सीबीआइ ने रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा था। उस समय भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर तैनात केएम त्रिपाठी रेलवे के कद्दावर अफसरों में गिने जाते थे। उनकी गिरफ्तारी से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया और दिल्ली तक इस मामले के तार जुड़े मिले।

रेलवे के ठेकों में अफसरों और ठेकेदारों के गठजोड़ का राजफाश हुआ तो कई और बड़े चेहरे भी बेनकाब हुए। रेलवे की तरह ही शिक्षा विभाग में दो साल पहले भृष्टाचार के बड़े मामले का खुलासा हुआ। टीईटी परीक्षा में बड़े पैमाने पर घूस लेने के आरोप तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन पर लगे। पुलिस ने लाखों रुपये बरामद किए। मामला हजारों शिक्षकों की नौकरी से जुड़ा था इसलिए सरकार ने भी तेजी दिखाई। आखिरकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक पर घूस के आरोप लगाने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रेलवे और शिक्षा की तरह ही एक दशक पहले पुलिस विभाग में एक डीआइजी और अपराधी के बीच सांठगांठ और लेनदेन की बातचीत आम हुई। तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा ने जेल में बंद अपराधी अतुल सिंह और तत्कालीन डीआइजी जेल शेषमणि त्रिपाठी के बीच बातचीत का टेप बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर आम किया तो कई अफसर शर्मसार हो गए।

जेलकर्मियों पर तो पैसे लेकर कैदियों को सुविधाएं देने के चर्च आम रहते थे मगर डीआइजी स्तर के अधिकारी का इस तरह पकड़े जाने से पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया। वहीं पूरे स्वास्थ्य विभाग में सीएमओ की ताबड़तोड़ हत्याओं से पूरा प्रदेश दहल गया। सीबीआइ ने जांच शुरू की तो निशाने पर पूर्व सीएमओ एके शुक्ला आए। उन सीएमओ की हत्याओं का आरोप लगा। आखिरकार सीबीआइ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला यहीं नही थमा। पूर्व नगर आयुक्त राम बोध मौर्य भी भ्रष्टाचार के मामले जेल की हवा खा रहे हैं। रामबोध पर कई वित्तीय अनियिमिताओं के आरोप हैं।