Move to Jagran APP

इनकी सुनो..दिल्ली में तो 5 रुपये में ही मिल जाता है भरपेट खाना

नई दिल्ली। देश में गरीबी का आंकड़ा घटने के दावों के बाद राजनीतिक बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के रशीद मसूद ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली में पांच रुपये में कोई व्यक्ति भरपेट भोजन कर सकता है। इससे एक दिन पहले इसी पार्टी के प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा था कि आप मुंबई में 12 रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं।

By Edited By: Updated: Fri, 26 Jul 2013 08:11 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली। देश में गरीबी का आंकड़ा घटने के दावों के बाद राजनीतिक बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के रशीद मसूद ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली में पांच रुपये में कोई व्यक्ति भरपेट भोजन कर सकता है। इससे एक दिन पहले इसी पार्टी के प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा था कि आप मुंबई में 12 रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं।

पढ़ें: .. अब 28 रुपये कमाने वाले गरीब नहीं

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली के जमा मस्जिद इलाके में आप पांच रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं। मसूद के इस बयान के बाद आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है।

पढ़ें: कांग्रेस भी नहीं मानती 28 रुपये खर्च वाले को गरीब

यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश में गरीबी का आंकड़ा 22 फीसद घटने के दावे को सही साबित करने के लिए कांग्रेस के नेताओं की तरफ से यह बयानबाजी हो रही है। प्रतिक्रिया में भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि ऐसे बयान से पता चलता है कि सरकार की गरीबी की परिभाषा महंगाई की असलियत से कितनी दूर है।

इससे पहले राज बब्बर ने एआइसीसी ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में यह बात समझाने की कोशिश करते हुए कही कि कीमतों में इजाफे के बावजूद गरीबी घटी है। कांग्रेस प्रवक्ता से गरीबी निर्धारण करने के लिए व्यय सीमा के निम्न कटऑफ के बारे में भी पूछा गया था और यह भी पूछा गया था कि कैसे कोई गरीब 28 रुपये या 32 रुपये के प्रतिदिन खर्च पर दो वक्त पूरा भोजन ग्रहण करने में सक्षम हो सकता है।

बब्बर ने कहा, लोगों को दिन में दो वक्त पूरा भोजन मिलना चाहिए। वे कैसे हासिल कर सकते हैं, यह एक बहुत अच्छा सवाल है, जिसे आपने पूछा है। आज भी मुंबई शहर में मैं 12 रुपये में एक पूरा भोजन पा सकता हूं। सिर्फ बड़ा पाव नहीं। ढेर सारा चावल, दाल, सांभर और कुछ सब्जियां भी मिल जाती हैं।

सब्जियों खासकर टमाटर की बढ़ती कीमतों के बारे में एक सवाल पर बब्बर ने कहा, अगर आप टमाटर से गरीबी का आकलन करेंगे तो यह मुश्किल होगा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर