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मुसीबत नहीं बनेगा संकट में नंबर भूलना

किसी संकट के समय आपातकालीन सेवाओं का नंबर भूलना अब मुसीबत नहीं बनेगा। सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराने वाली एक फर्म ने ऐसे सभी उपयोगी टेलीफोन नंबरों को एक साथ लिंक करने का विकल्प तैयार किया है। इससे एक ही नंबर के जरिये सभी तरह की आपात सेवाओं के लिए सूचना

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 29 Dec 2014 08:08 AM (IST)Updated: Mon, 29 Dec 2014 08:17 AM (IST)

नई दिल्ली। किसी संकट के समय आपातकालीन सेवाओं का नंबर भूलना अब मुसीबत नहीं बनेगा। सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराने वाली एक फर्म ने ऐसे सभी उपयोगी टेलीफोन नंबरों को एक साथ लिंक करने का विकल्प तैयार किया है। इससे एक ही नंबर के जरिये सभी तरह की आपात सेवाओं के लिए सूचना दी जा सकती है।

छेड़छाड़ रोधी या एंटी रैगिंग हेल्पलाइन जैसे टेलीफोन नंबर मुसीबत के समय बेहद उपयोगी होते हैं लेकिन घटना के समय तनावपूर्ण मानसिक स्थिति के चलते इन नंबरों को याद नहीं रख पाना खतरनाक साबित हो सकता है। इससे बचने के लिए सिक्योरिटी सॉल्यूशन्स कंपनी रोल्टा इंडिया ने खास सॉफ्टवेयर तैयार किया है। रोल्टा जियोकैड नाम का यह सॉफ्टवेयर सभी आपात नंबरों को इंटरलिंक करके लखनऊ के एक ही कंट्रोल रूम के नंबर से जोड़ता है।

कंपनी के वरिष्ठ संभागीय निदेशक सीआर बानुर ने कहा कि किसी भी प्रदेश या शहर का महिला हेल्पलाइन नंबर हो या एंबुलेंस अग्निशमन विभाग या एंटी रैगिंग सेल का नंबर हो, सभी को केवल 100 नंबर डायल करके जोड़ा जा सकता है। यह योजना दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों को क्रियान्वयन के लिए सौंपी गई है।

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