भूमि विधेयक पर खुली बहस की चुनौती
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार किसान विरोधी किसी कदम को नहीं उठाएगी। अखिल भारतीय पंचायत परिषद द्वारा आयोजित भूमि अधिग्रहण बिल पर समीक्षा अधिवेशन में उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बारे में किसानों का डर गैर जरूरी है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 20 Mar 2015 02:30 AM (IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार किसान विरोधी किसी कदम को नहीं उठाएगी। अखिल भारतीय पंचायत परिषद द्वारा आयोजित भूमि अधिग्रहण बिल पर समीक्षा अधिवेशन में उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बारे में किसानों का डर गैर जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जो किसानों के हित में न हो। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस विषय पर गंभीर है और वह विपक्ष द्वारा सुझाए गए सभी मुद्दों और संशोधनों पर विचार करने के लिए भी राजी है।
उन्होंने विपक्ष पर किसानों का भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ पार्टियां सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए किसानों को भड़काने का काम करने में लगी हुई हैं। सरकार का पक्ष रखते हुए उन्होंने वहां मौजूद किसानों से कहा कि सरकार किसी भी सूरत से किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। उनका कहना था कि इस बारे में विचार के बाद बिल में कुछ जरूरी बदलाव भी किए गए हैं। गडकरी का कहना था कि सरकार किसानों के हितों के साथ-साथ उनके पुनर्वास और पुनर्स्थापन पर फोकस कर आगे बढ़ रही है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल पर कहीं भी कभी भी बहस करने करने के लिए तैयार है। विपक्ष पर किसानों का भड़काने और गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां सिर्फ अपनी राजनैतिक रोटियां सेेकने के लिए यह सब काम कर रही हैं। कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए उनका कहना था कि उन्होंने देश पर करीब 55 वर्षों तक राज किया है, लेकिन कभी उन्होंने किसानों के हितों की बातें नहीं की और न ही कभी ग्रामीण विकास की ओर ध्यान दिया। इस समीक्षा अधिवेशन में उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद किसानों को मिलने वाला मुआवजा चार गुणा बढ़ा दिया गया वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह इससे दो गुणा है। सरकार का ध्यान सिर्फ एक क्षेत्र पर नहीं है बल्कि हर क्षेत्र पर ध्यान देकर सरकार देश के विकास को बढ़ाना चाहती है।