कश्मीर पर विपक्ष ने साधा निशाना, केंद्र को दी संवेदनशील होने की सलाह
केंद्र सरकार की कश्मीर नीति पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कश्मीर से ज्यादा कश्मीरियों के दिलों को जीतने की जरूरत है।
नई दिल्ली(एएनआई)। कश्मीर मुद्दे की गूंज संसद से लेकर सड़क तक है। राज्यसभा में गृहमंत्री के बयान देने से पहले इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलामनबी आजाद पीएम मोदी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि आखिर पीएम मध्य प्रदेश की धरती से कश्मीर को किस तरह का संदेश देना चाहते थे। राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने कश्मीर के मुद्दे पर और संवेदनशील होने पर बल दिया।
जेडीयू ने क्या कहा ?
जेडीयू के सांसद शरद यादव ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर सरकार को और संवेदनशील होने की जरूरत है। ये सच है कि कश्मीरी हमसे गुस्सा हैं लेकिन हमें उनके साथ प्यार से पेश आना होगा। कश्मीरियों को देश की मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत है, नहीं तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। कश्मीरियों के दिलों को जीतने के लिए पैलेट गन पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है।
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TMC ने क्या कहा ?
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि आतंकी बुरहान वानी कश्मीर की गलियों से कहीं ज्यादा खतरनाक इंटरनेट पर था। वो जिंदा होने से ज्यादा मरकर खतरनाक हो गया। उन्होंने कहा कि इस वक्त कश्मीर के मुद्दे पर किसी तरह के विभेद करने की जरूरत नहीं है। कश्मीर और कश्मीरियत की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कश्मीर नीति दिशाहीन है। केंद्र सरकार पाकिस्तान से बात करना नहीं चाहती, कश्मीर के असंतुष्ट लोगों से बात करना नहीं चाहती है, तो क्या सरकार गौरक्षकों से बातचीत करेगी। कश्मीर हमारी समस्या है। हम ये नहीं कह सकते हैं कि पाकिस्तान राह में रोड़े अटका रहा है। पाकिस्तान तो ये सब करता ही रहता है।
करगिल की लड़ाई के बाद मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने, वाजपेयी जी और उन्होंने एक संयुक्त बातचीत का माहौल तैयार किया। कश्मीर का भूभाग भारत के पास होना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि कश्मीरियों के दिलों में हमें जगह बनानी होगी। हमें कश्मीर के लोगों से बातचीत करना ही होगा, बातचीत के जरिए ही इस समस्या को सुलझाया जा सकता है।
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