इशरत जहां एनकाउंटर पर नए खुलासों के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गईं हैं। नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश बुनने के आरोपों में फंसते जा रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Wed, 02 Mar 2016 10:19 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । इशरत जहां एनकाउंटर पर नए खुलासों के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गईं हैं। नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश बुनने के आरोपों में फंसते जा रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। सरकार आक्रामक है और सधे हुए शब्दों में सीधे कांग्रेस के राजनीतिक नेतृत्व और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निशाने पर ले लिया। मोदी को फंसाने के लिए आतंकवाद पर भी सियासत करने के आरोपों से तिलमिलाई कांग्रेस चिदंबरम केबचाव में सामने आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उल्टे इसे मोदी सरकार की साजिश करार देकर हमलावर रुख अपनाने के संकेत दिए।
पढ़ेंः
पी चिदंबरम के बेटे के खिलाफ संसद में हंगामा, कार्रवाई की मांग मोदी को फंसाने के लिए लश्कर आतंकी इशरत जहां का इस्तेमाल करने की कथित साजिश से लगातार हटते पर्दो पर सरकार खासी संजीदा है। सवेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। सदन शुरू होने से पहले नायडू ने कहा भी कि आतंकवाद के मुद्दे पर भी जिस तरह से संप्रग सरकार ने सियासत की, वह अब साफ हो रहा है। पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई के बयान के बाद गृह मंत्रालय में तब अवर सचिव आर.वी.एस. मणि के खुलासों के बाद सीधे तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम यह साजिश रचने के आरोपों में घिर गए हैं। भाजपा ने जहां चिदंबरम और कांग्रेस पर पाकिस्तान की भाषा में बोलने के आरोप लगाए, वहीं वेंकैया ने मनमोहन सिंह से इस मसले पर सफाई मांगी। साथ ही साफ कर दिया कि जरूरत पड़ी तो सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से भी नहीं भागेगी। संसद के दोनों सदनों में भी इस मुद्दे पर कांग्रेस खासी बेचैन नजर आई। अन्नाद्रमुक ने एयरसेल मैक्सिस विवाद में चिदंबरम के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। सरकार ने लोकसभा में तो इस मुद्दे पर चर्चा ही करा दी है। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने तो चिदंबरम के खिलाफ अन्नाद्रमुक सांसदों के विरोध को भी केंद्र सरकार प्रायोजित बताया। तब संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उल्टे आजाद पर तंज कसा कि अपनी बारी पर चर्चा से भाग रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से गृह मंत्री रहते आतंकवाद पर चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठे हैं, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए। हालांकि, कांग्रेस दोनों सदनों में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के मुद्दे पर जोर दे रही थी, लेकिन चिदंबरम के शोर में वे आवाजें कमजोर पड़ गईं।
यह मामला चिदंबरम से आगे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को भी लपेट में ले सकता है, यह चिंता भी पार्टी को है। इसके मद्देनजर सोनिया गांधी ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया। बाद में सोनिया ने कहा भी कि यह पहली बार नहीं है। पहले भी भाजपा हम पर हमले करती रही है, अब फिर कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल को कौडि़यों के भाव जमीन आवंटित करने का मुद्दा गरमा दिया है। अनार पटेल को अवैध तरीके से जमीन आवंटित करने पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी से तमाम सवाल पूछे हैं, जिसे कांग्रेस की जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। पढ़ेंः
चिदंबरम के खिलाफ कोर्ट में देशद्रोह की शिकायत