पी विजयन होंगे केरल के सीएम, नाराज अच्युतानंदन ने छोड़ी बैठक
केरल में लेफ्ट फ्रंट की शानदार कामयाबी के बाद पी विजयन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। एलडीएफ ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है।
By Lalit RaiEdited By: Updated: Fri, 20 May 2016 07:37 PM (IST)
तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। केरल में शानदार जीत दर्ज करने के बाद माकपा ने वरिष्ठ नेता वीएस अच्युतानंदन की दावेदारी को खारिज करते हुए पिनारयी विजयन को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। शुक्रवार को पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 72 वर्षीय विजयन को राज्य की कमान सौंपने का फैसला किया गया। वह केरल के 22वें मुख्यमंत्री होंगे। इस दौरान पूर्व महासचिव प्रकाश कारत भी मौजूद थे, जो विजयन के करीबी माने जाते हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस फैसले से पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन खुश नहीं हैं। 92 वर्ष की उम्र में भी उनको लग रहा था कि पार्टी उन्हें एक बार फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बना सकती है। उल्लेखनीय है कि पार्टी के भीतर ये दोनों नेता पुराने प्रतिस्पर्धी रहे हैं।केरल में हुई वारदात की अनदेखी कर रहे राहुल-सोनिया : भाजपा कन्नूर जिले के पिनारयी गांव में जन्मे विजयन को जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है। वह अपने छात्र जीवन में ही माकपा से जुड़ गए थे। महान नेता एके गोपालन उनके राजनीतिक गुरु थे। 24 साल की उम्र में उनको माकपा की जिला समिति में शामिल किया गया। इसके बाद से उनका राजनीतिक ग्राफ लगातार चढ़ता गया।
1970 में पहली बार विधायक बने इस चुनाव में पांचवीं बार विधायक बनने वाले विजयन ने पहली जीत सन 1970 में दर्ज की थी। 1996 में ईके नयनार मंत्रिमंडल में उनको ऊर्जा मंत्री बनाया गया। 1998 में उनको पार्टी की राज्य इकाई का सचिव बना दिया गया। इस पद पर वे 2015 तक रहे। इस दौरान हालांकि अच्युतानंदन राज्य माकपा के सबसे बड़े नेता बने रहे, लेकिन विजयन की संगठन पर पकड़ मजबूत होती गई। पार्टी के भीतर वे अच्युतानंदन का प्रभाव कम करने में भी कामयाब रहे। उनको कई इकाइयों का समर्थन हासिल था।
चांडी ने दिया त्यागपत्र विधानसभा चुनाव में यूडीएफ की करारी हार के बाद ओमान चांडी ने केरल के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने शुक्रवार को राज्यपाल पी सतशिवम को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। बाद में फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में चांडी ने सरकार में रहने के दौरान समर्थन और सहयोग के लिए जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम अपनी उपलब्धियों को लोगों तक नहीं पहुंचा सके।केरल में फहराया लाल परचम, एलडीएफ 91 सीटे लेकर सत्ता पर काबिज