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पाक के विदेश सचिव कल आएंगे भारत, पठानकोट मामला उठाए जाने की उम्मीद

भारत-पाक विदेश सचिवों के बीच मंगलवार को नई दिल्ली में बातचीत होगी। पाक विदेश सचिव एजाज चौधरी हॉर्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं।

By Lalit RaiEdited By: Updated: Mon, 25 Apr 2016 08:21 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पठानकोट में एयर बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत व पाकिस्तान के विदेश सचिव मंगलवार को पहली बार आपस में बातचीत करेंगे। यह पहले से चल रही योजनाबद्ध व्यापक द्विपक्षीय बातचीत का हिस्सा नहीं है। लेकिन इस दौरान भारत पठानकोट का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगा। साथ ही, मुमकिन है कि इस बातचीत के दौरान दोनों पक्ष फिर से नियमित बातचीत शुरू करने का भी मन बना लें।

पाकिस्तानी विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी मंगलवार को एक दिन की भारत यात्रा पर होंगे। वे यहां हॉर्ट आफ एशिया समूह की बैठक के लिए दिल्ली आ रहे हैं। मगर इस दौरान उनकी भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर के साथ अलग से दोतरफा बातचीत भी होगी। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा के बारे में जारी अपने बयान में सीधे तौर पर भारत के साथ बातचीत का उल्लेख नहीं किया है।

इसमें कहा है कि इस यात्रा के दौरान अहमद प्रमुख देशों के प्रतिनिधि मंडलों के साथ अलग से दोतरफा बैठक भी करेंगे। मगर दोनों ही देशों के विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि दोनों विदेश सचिवों की मुलाकात दोपहर में होनी है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के साथ पठानकोट हमले और इसकी पाकिस्तान की ओर से की जा रही जांच का मामला उठाएगा। इस हमले को ले कर भारत की ओर से सौंपे गए सबूतों पर की गई कार्रवाई को ले कर सवाल उठाने के साथ ही पाकिस्तान से संचालित होने वाले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को भी कहा जाएगा। इस दौरान योजनाबद्ध व्यापक द्विपक्षीय बातचीत को फिर से शुरू करने को ले कर भी चर्चा होने की संभावना है।

मुमकिन है कि पाकिस्तान कश्मीर मसले को उठाने की भी कोशिश करे। पठानकोट हमले के बाद ही भारत ने विदेश सचिव के स्तर पर चल रही इस बातचीत की प्रक्रिया को रोक दिया था। इस बार हर्ट आफ एशिया समूह की बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है, जबकि पिछली बार इसकी मेजबानी पाकिस्तान ने की थी। पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों को ले कर तब उम्मीदें अचानक बहुत बढ़ गई थीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक विदेश यात्रा के दौरान पिछले वर्ष के अंत में बिना किसी पूर्व घोषणा के पाकिस्तान का रुख कर लिया था। वहां उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बहुत करीबी बनाई थी। मगर पठानकोट हमले ने फिर से सारी प्रक्रिया को ध्वस्त कर दिया।

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