Move to Jagran APP

जब-जब भारत ने बढ़ाया दोस्‍ती का हाथ, तब-तब पाकिस्तान से मिला धोखा

भारत ने जब-जब पाकिस्‍तान की ओर दोस्‍ती का हाथ बढ़ाया है तब-तब उसको धोखा ही मिला है। फिर चाहे कारगिल युद्ध हो या कुछ अोर। पठानकोट का आतंकी हमला भी उस वक्‍त हुआ है जब हाल ही पीएम मोदी ने पाक की यात्रा की।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 02 Jan 2016 11:45 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। भारत ने जब-जब पाकिस्तान से वार्ता की शुरुआत हुई। तब-तब उसको बाधित करने के लिए पाक के बेलगाम आतंकियों ने इसको पटरी से उतारने का काम किया है। फिर चाहे वह कारगिल युद्ध के रूप में हमें देखने को मिला हो या फिर सीमा पर भारतीय जवानाें के सिर काटने का काम हुआ हो, या फिर दूसरे हमले। इन सभी का मकसद दोनों देशों के बीच संबंधों को न सुधारा जाना ही रहा है।

इतिहास कुछ ऐसा ही बताता है कि जब-जब भारत ने पाक की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया तब-तब इस तरह की घटनाओं में तेजी आई है। गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान गए थे। उनके पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाक गई थीं और कई मुद्दों पर उन्होंने पाक पीएम और वरिष्ठ मंत्रियों से बात की थी। इससे भी पहले दोनों देशों के एनएसए की सिंगापुर में वार्ता हुई थी। इसके ही बाद दोनों देशों के बीच वार्ताओं का दौर चला।

जैश ए मुहम्मद पहले भी भारत में दे चुका है बड़े हमलों को अंजाम

पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद बढ़ाई गई दिल्ली की सुरक्षा

कारगिल युद्ध

1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब शांति वार्ता का प्रस्ताव लेकर बस से पाकिस्तान की यात्रा पर गए तो उसके कुछ समय बाद ही पाकिस्तान ने भारत की पीठ में खंजर घोंपने का काम किया। इसका ही नतीजा था कारगिल युद्ध। तीन माह चले इस युद्ध में भारत के कई युवा जवानों को वीरगति प्राप्त हुई। इस युद्ध की पटकथा लिखने वाले पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ थे, जो आज भी इस युद्ध का जिक्र करते हुए इसको अपने लिए फक्र की बात बताते हैं। इस युद्ध में पाकिस्तान को हमेशा की तरह मुंह की खानी पड़ी थी और पाक सेना और उसके समर्थित आतंकियों को मैदान छोड़कर भागना पड़ा था।

भारतीय जवानों के सिर काटने की घटना

वर्ष 2013 में भी एलओसी से सटे पुंछ सेक्टर में 8 जनवरी को दो भारतीय जवानों हेमराज और सुधाकर की हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तानी रेजरों के साथ कुछ आतंकवादी सीमा के इस पार आए और हेमराज और सुधाकर का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। यूपी के मथुरा के रहने वाले 38 वर्षीय हेमराज आर्मी की राजपूताना राइफल्स में बतौर लांस नायक तैनात थे। वहीं, सुधाकर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। इस घटना ने भी दोनों देशों के बीच वार्ता को पटरी से उतार दिया

गुरदासपुर आतंकी हमला

पंजाब के गुरदासपुर में 11 जुलाई को आतंकवादी हमला हुआ जिसके दौरान आतंकवादियों ने दीनानगर पुलिस थाने पर कब्जा कर लिया। भारत के मुताबिक उनसे बरामद हथियारों और जीपीएस से पता चला ये तीनों आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे। हालांकि पाक ने इन खबरों का खंडन करने में कोई देर नहीं लगाई।

पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकी हमला, चार आतंकी ढ़ेर

जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं को मारने आए आतंकी

इसके कुछ समय के बाद जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त को दो आतंकवादियों ने हमला किया और दो नागरिकों को बंधक बना लिया। बाद में उनमें से एक आतंकवादी पकड़ा गया और दूसरा मार गिराया गया। इस आतंकी ने कबूल किया कि वह पाकिस्तान का रहने वाला है और यहां ‘हिंदुओं को मारने' आया है। पाकिस्तान इसे भी अपना नागरिक मानने से इंकार करता रहा है।

शिवसेना ने पहले ही चेताया

शिवसेना ने पीएम मोदी की पाक यात्रा के तुरंत बाद इस बात की चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान से भारत को हमेशा से ही धोखा मिला है। अपने मुखपत्र सामना में उसने अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा का भी जिक्र किया था। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि पाकिस्तान की यात्रा के बाद और दोनों देशों के बीच शुरू हुई वार्ता के बाद भी भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।

पढ़ें: पाक ने फिर दिया धोखा, पाक के बहावलपुर से आए थे आतंकी