जम्मू कश्मीर पर शोर मचाने वालों ने इमरान को ही बाहरी बताकर खुद ही खोली अपनी पोल
जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान की संसद में संयुक्त सत्र चल रहा है। लेकिन इसमें पाकिस्तान की वो सोच सामने आई जिसको लेकर वहां के लोग ही उसके खिलाफ होते आए हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 08 Aug 2019 08:58 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में हुए बदलाव पर पर छाती पीट रहे पाकिस्तान ने अपनी पोल खुद ही खोल दी है। कश्मीरियों के हक को लेकर जो लोग भारत को कोस रहे थे, उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह जब उन लोगों के नहीं हुए जो पाकिस्तान में आजादी से पहले से रह रहे थे तो फिर कश्मीरियों के क्या होंगे। दरअसल पिछले दो दिन से पाकिस्तान की संसद में संयुक्त सत्र जारी है। यह सत्र जम्मू कश्मीर पर भारत सरकार के ताजा फैसले के बाद ही बुलाया गया है। इसमें पहले दिन पांच घंटे की इंतजार के बाद विपक्ष की मांग पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी बात रखी थी।
दूसरे दिन की बहस के दौरान भी कई सांसदों ने अपनी बातें इस मंच से रखी। अपनी बात कहने वालों में देश के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी थे। उन्होंने इमरान खान को संबोधित करते हुए यहां तक कहा कि वो पाकिस्तान का निर्माण करने वाले लोगों में वो कहीं नहीं थे। पाकिस्तान का निर्माण केवल सिंध और पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की मेहनत और जद्दोजहद का नतीजा है। इमरान खान तो पंजाबी थे जो पाकिस्तान के बनने के बाद बस इसका हिस्सा बन गए। लिहाजा वो भी यहां पर रहें। उन्होंने अपने बयान को जिस लहजे में कहा वह कहीं न कहीं उस सोच को दर्शाता है, जिसमें आज तक मुहाजिरों को भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आगे बढ़ने से पहले आपको इस शब्द के मायने बता देना जरूरी हो जाता है। दरअसल, बंटवारे के बाद जो लोग भारत से पाकिस्तान चले गए थे उन्हें वहां पर मुहाजिर कहा गया।
पाकिस्तान में इन मुहाजिरों के हकों को लेकर आज तक संघर्ष जारी है। इतना ही नहीं मुहाजिर कौमी मूवमेंट (राजनीतिक पार्टी) का जन्म ही इस वजह से हुआ था। आपको ये भी बता दें कि इस पार्टी के प्रमुख 1984 में मुहाजिरों के साथ हो रहे अत्याचार और शोषण के खिलाफ अल्ताफ हुसैन ने इस पार्टी का गठन किया था। वर्तमान में वह ब्रिटेन में रह रहे हैं। जरदारी के बयान को पाकिस्तान की उस सोच से भी मिलाकर देखा जा सकता है जो बीते कई दशकों से बलूचिस्तान में हो रहा है। बलूचिस्तान में क्या हो रहा है वह पूरी दुनिया जानती है। यह बात अलग है कि पाकिस्तान की सरकार उस पर आंखें मूंदे हुए है और सबकुछ ठीक होने का ढोंग करता आया है। पाकिस्तान की सदन में ही ज्वाइंट सेशन के दौरान जरदारी ने ये तो कहा कि वह ब्रिटेन में जम्मू कश्मीर के मसले पर जो पाकिस्तानी भारत के खिलाफ मुखर होकर सामने आए हैं उनपर फख्र करते हैं, लेकिन इस दौरान वो ये भूल गए कि कुछ ही समय पहले ब्रिटेन में हुए वर्ल्ड कप के मैच के दौरान बलूचिस्तान फ्री का बैनर लेकर एक विमान स्टेडियम के ऊपर से गुजरा था। जरदारी ये भी भूल गए कि बलूचिस्तान के लेागों ने ब्रिटेन की सड़कों पर एक नहीं कई बार पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद की है।
जम्मू कश्मीर पर सदन में चल रही बहस का सिर्फ एक ही अर्थ निकलता दिखाई दे रहा था, क्योंकि पाकिस्तान एक विशेष धर्म के नाम पर बना था लिहाजा उसकी मदद की जाए। इसको दूसरी तरफ आसिया बीबी से भी जोड़कर देखा जा सकता है। आसिया को पाकिस्तान की एक अदालत ने ईश निंदा कानून के तहत फांसी की सजा दी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था। इसके बाद भी वहां पर उसको फांसी देने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए थे। पाकिस्तान की उसी जमीन पर तालिबानियों ने स्वात घाटी में मलाला युसुफजई को महज इसलिए गोली मार दी थी क्योंकि उसने उनके कहने से अपनी पढ़ाई बंद नहीं की थी।
आपको बता दें कि पाकिस्तान का यह दोगला चरित्र पूरी दुनिया वर्षों से देखती आई है। जहां तक जम्मू कश्मीर के लोगों का दर्द बांटने का सवाल है तो उसको भी पूरी दुनिया ने कई बार देखा है। जम्मू कश्मीर के लोगों की बात करने वाली इस्लामिक काउंसिल ऑफ जेहाद वादी में आतंकी हमलों का खाका तैयार करती आई है। जम्मू कश्मीर के लोगों की भलाई की बात कहने वाले हाफिज सईद और मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है। यहां पर एक बात और दिलचस्प है, वो ये कि जबतक भारत मसूद और हाफिज को लेकर आवाज उठा रहा था, तब तक कोई सुनवाई पाकिस्तान ने नहीं की। लेकिन वैश्विक आतंकी घोषित होते ही अजहर पर भी एक दर्जन मामले दर्ज कर दिए गए।अब जरा प्रधानमंत्री इमरान खान की बात कर ली जाए। वह यह बात सभी के सामने मान चुके हैं कि पाकिस्तान की जमीन से हजारों आतंकी और आतंकी संगठन ऑपरेट करते आए हैं। उन्होंने ये भी माना था कि वर्तमान में भी पाकिस्तान से यह सबकुछ हो रहा है। एक नजर पाकिस्तान के दूसरे प्रांतों पर भी कर लेना जरूरी है। आपको बता दें कि बलूचिस्तान के अलावा सिंध और पंजाब में सरकार को लेकर पहले और अब भी प्रदर्शन होते आए हैं। यहां के लोग वर्षों से अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं। वहीं गुलाम कश्मीर की बात करें तो वहां पर भी पाकिस्तान से आजाद होने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन हुए हैं।
कब तक कश्मीर पर आवाम को झूठ बोलकर धोखा देते रहोगे पीएम हैदर साहब, अब तो शर्म करो!
पाकिस्तान की मीडिया भारत सरकार को बता रही हिंदू राष्ट्रवादी, जानें और क्या कुछ कहा
कश्मीर में सेना और सरकार की हलचल से पाक की फूल रही सांस, देखें क्या कह रहा मीडिया
कामयाबी के सफर पर निकले चंद्रयान-2 ने भेजी धरती की तस्वीरें, आप भी डालें एक नजर
क्रूरता की हदें पार करने के लिए बदनाम है पाकिस्तान की BAT टुकड़ी, जानें कैसे करती है काम
अमेरिका के लिए पाकिस्तान क्यों हुआ इतना खास, क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
पाकिस्तान की मीडिया भारत सरकार को बता रही हिंदू राष्ट्रवादी, जानें और क्या कुछ कहा
कश्मीर में सेना और सरकार की हलचल से पाक की फूल रही सांस, देखें क्या कह रहा मीडिया
कामयाबी के सफर पर निकले चंद्रयान-2 ने भेजी धरती की तस्वीरें, आप भी डालें एक नजर
क्रूरता की हदें पार करने के लिए बदनाम है पाकिस्तान की BAT टुकड़ी, जानें कैसे करती है काम
अमेरिका के लिए पाकिस्तान क्यों हुआ इतना खास, क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप