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परस्पर कानूनी सहयोग संधि पर पाकिस्तान की चुप्पी

'परस्पर कानूनी सहयोग संधि' पर हस्ताक्षर से जुड़े भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने चुप्पी साध रखी है। संधि के तहत पाकिस्तान अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और दूसरे भगोड़ों के बारे में सूचना मुहैया कराने को बाध्य होगा। संधि पर हस्ताक्षर करने का भरोसा दिलाने के दो वर्ष बाद भी पाकिस्तान इस पर खामोश है।

By Edited By: Updated: Mon, 18 Aug 2014 08:25 AM (IST)
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नई दिल्ली। 'परस्पर कानूनी सहयोग संधि' पर हस्ताक्षर से जुड़े भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने चुप्पी साध रखी है। संधि के तहत पाकिस्तान अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और दूसरे भगोड़ों के बारे में सूचना मुहैया कराने को बाध्य होगा। संधि पर हस्ताक्षर करने का भरोसा दिलाने के दो वर्ष बाद भी पाकिस्तान इस पर खामोश है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, '24-25 मई, 2012 को इस्लामाबाद में हुई गृह सचिव स्तर की बातचीत में यह मुद्दा उस वक्त आया था जब संधि से जुड़ा भारतीय मसौदा पाकिस्तान को सौंपा गया था। बातचीत में इस बात पर सहमति बनी थी कि पाकिस्तान इस मसौदे पर विचार करेगा और अपनी टिप्पणियां देगा। हालांकि अब तक पाकिस्तान से इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।' 'परस्पर कानूनी सहयोग संधि ' दोनों देशों के बीच का समझौता है जिसका उद्देश्य सामान्य अथवा आपराधिक कानूनों को लागू करने की दिशा में सूचना एकत्र करना और इसका आदान-प्रदान करना है। अधिकारी ने कहा, 'अगर इस संधि पर समझौता हो गया होता तो पाकिस्तान दाउद इब्राहिम तथा उन दूसरे भगोड़ों के बारे में सूचना मुहैया कराने को बाध्य होता, जिन्होंने पाकिस्तान में शरण ली है।' भारत ने अब तक अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत 38 देशों के साथ 'परस्पर कानूनी सहयोग संधि' पर हस्ताक्षर किया है।

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