मेडिकल वीजा के कूटनीतिक भंवर में फंसा पाक, जनता ने सुनाई खरी-खोटी
पाकिस्तानी जनता के बीच भारत और खासकर सुषमा स्वराज की बढ़ती लोकप्रियता पाकिस्तानी हुकमरानों को नागवार गुजरी।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। पाकिस्तान मेडिकल वीजा के कूटनीतिक भंवर में फंस गया है। हालात यह है कि पाकिस्तानी जनता जहां एक ओर भारत और सुषमा स्वराज का गुनगाण करते नहीं थक रही है, वहीं दूसरी ओर इसके खिलाफ बोलने पर अपनी ही सरकार को खरी-खोटी सुना रही है। यहां तक कि अपने देश के नेताओं को मानसिक तौर पर दिवालिया भी करार दे रही है।
दरअसल, भारत ने पाकिस्तान के लोगों के लिए मेडिकल वीजा को उदार बना दिया है। विदेश मंत्री ने ऐलान कर रखा है कि हर जरूरतमंद पाकिस्तानी को मेडिकल वीजा दिया जाएगा। इसके बाद बड़ी संख्या में पाकिस्तानी मेडिकल वीजा लेकर भारत आने लगे। पाकिस्तानी जनता के बीच भारत और खासकर सुषमा स्वराज की बढ़ती लोकप्रियता पाकिस्तानी हुकमरानों को नागवार गुजरी।
गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश विभाग ने एक वक्तव्य जारी कर मेडिकल वीजा को भारत की चाल बताया। पाकिस्तान का कहना था कि भारत उसके नागरिकों को मेडिकल वीजा देकर कोई एहसान नहीं कर रहा है। पाकिस्तान नागरिक भारतीय अस्पताल को पूरी फीस चुकाते हैं और उन्हें कोई रियायत नहीं दी जाती है। पाकिस्तान के इस बयान के बाद उसके नागरिक अपनी ही सरकार पर बिफर पड़े और सोशल मीडिया पर अपनी सरकार को खरी-खोटी सुनाने लगे।
मारिया सरताज नाम की महिला ने पाकिस्तान के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सुषमा स्वराज से इसे अनदेखा करने का आग्रह किया। उसका कहना था कि सुषमा स्वराज को ऐसे ही मेडिकल वीजा देते रहना चाहिए। वहीं नबील सोएब ने ऐसे बेवकूफी भरे बयान जारी करने पर अपने देश के नेताओं को मानसिक तौर दिवालिया करार दे दिया। उसका कहना है कि एक तो पाकिस्तान अपने नागरिकों के लिए न तो कोई अच्छा अस्पताल बना पाया और न ही ढंग की यूनिवर्सिटी। अब जब भारत उदारता पूर्वक आम पाकिस्तानियों को इन सुविधाओं का लाभ दे रहा है, तो उसका भी विरोध कर रहे हैं।
इसके पहले आसिफ हिजाब नाम की पाकिस्तानी महिला अपनी सरकार को रिश्वतखोर और निकम्मा बता चुकी है। मरीज की खराब सेहत को देखते इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को तत्काल वीजा जारी करने के विदेश मंत्री के निर्देश के बाद उस महिला ने उनके लिए दुआओं की झड़ी लगा दी थी। उन्हें सुपरवुमैन और भगवान तक कह दिया था। साथ ही यह भी इच्छा जता दी कि काश आप पाकिस्तान की प्रधानमंत्री होती, तो यहां की सारी समस्याएं खत्म हो जाती।
दरअसल भारत की मानवतावादी कूटनीति पाकिस्तानी हुक्मरानों के लिए बड़ी सिरदर्द बन गई है। जरूरतमंद पाकिस्तानी मरीजों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और सोशल मीडिया के जरिये सीधे संवाद से सीमा पार में उनकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
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