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एनएसजी में भारत का प्रवेश रोकने के लिए हाथ-पैर मार रहा है पाकिस्तान

बराक ओबामा के भारत को खुले समर्थन के तत्काल बाद पाकिस्तान ने औपचारिक से रूप अमेरिका से एनएसजी में उसके दावे के समर्थन की मांग की है।

By anand rajEdited By: Updated: Fri, 10 Jun 2016 03:51 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के एनएसजी में शामिल होने का रास्ता बनता देख पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। एक तरफ पाकिस्तान अमेरिका पर भारत के साथ-साथ उसके भी एनएसजी में शामिल करने के लिए हायतौबा मचा रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन की मदद से वह भारत का प्रवेश रोकने की कोशिश में भी जुटा है। बराक ओबामा के भारत को खुले समर्थन के बाद तत्काल बाद पाकिस्तान ने औपचारिक से रूप अमेरिका से एनएसजी में उसके दावे के समर्थन की मांग की है।

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पिछले महीने पाकिस्तान ने भी एनएसजी में शामिल होने के लिए वियना में आवेदन दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा पूरा होते ही पाकिस्तान ने बराक ओबामा प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से पाकिस्तान के एनएसजी सदस्यता पर समर्थन देने का आग्रह किया है।

पाकिस्तान का कहना है कि पिछले कुछ सालों में उसने एनएसजी सदस्यता के तय मापदंड को काफी हद तक पूरा कर दिया है। इसीलिए अमेरिका को उसकी सदस्यता का भी समर्थन करना चाहिए। विदेशी मामले से संबंधित सीनेट की कमेटी को पत्र लिखकर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी ने पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों का हवाला देते हुए समर्थन देने को कहा है।

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गौरतलब है कि ओबामा प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस भारत के खिलाफ पाकिस्तान की इन कोशिशों को अहमि यत नहीं दे रहे हैं। अमेरिका की ओर से निराश पाकिस्तान की उम्मीदें अब सिर्फ चीन पर टिकी हैं।चीन के सहयोग से वह एनएसजी के कुछ सदस्यों को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है, ताकि भारत की एंट्री को रोका जा सके।

पाकिस्तान में सूत्रों के हवाले से छप रही खबरों के मुताबिक चीन के साथ-साथ न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, आयरलैंड और आस्ट्रिया एनएसजी में भारत का विरोध करने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन पाकिस्तान की चिंता का सबसे बड़ा कारण है कि चीन को छोड़कर इनमें से कोई भी देश अमेरिकी दबाव के आगे टिकने की स्थिति में नहीं है। यहां तक कि चीन भी एक स्तर के बाद भारत के विरोध में सीधे आगे नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान बौखलाहट में चौतरफा हाथ-पैर मार रहा है।

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