संबंधों को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद का समर्थन बंद करे पाक: PM
पीएम मोदी ने कहा है कि संबंधों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को पूरी तरह से आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा।
By kishor joshiEdited By: Updated: Fri, 27 May 2016 09:43 PM (IST)
वाशिंगटन, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ शांति बहाली पर अपनी नीति साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई पहल दोतरफा ही हो सकती है। इसलिए पाकिस्तान को पहले आतंकवाद पर दामन साफ करना होगा। उन बाधाओं को हटाना होगा, जो उसने खुद खड़ी की हैं। ये बाधाएं मित्रता के आड़े आ रही हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की वेबसाइट पर शुक्रवार को पोस्ट टिप्पणियों में प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को हर स्तर पर समर्थन देना बंद करे। चाहे वह सरकारी समर्थन वाला हो या अन्य आतंकवाद। इस मसले पर कोई समझौता नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री का मानना है कि पाकिस्तान आतंकी हमले की साजिश रचने वालों पर प्रभावशाली कार्रवाई करने में विफल रहा। इसी कारण द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति रुक गई। मोदी बोले, हमारा विश्र्वास है कि आपस में संघर्ष करने के बजाय दोनों देशों को गरीबी से लड़ना चाहिए। स्वाभाविक तौर पर हम उम्मीद, अपेक्षा कर रहे हैं कि पाकिस्तान अपना दायित्व निभाएगा। मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण और समृद्ध पड़ोस का एजेंडा उनके सरकार संभालने के पहले दिन से ही लागू है। जो सपना वह भारत के भविष्य को लेकर देखते हैं, पड़ोसी के लिए उनका स्वप्न भी वैसा ही है। उन्होंने कहा कि मेरी लाहौर यात्रा इसी भावना का स्पष्ट प्रमाण है।गुट निरपेक्ष नीति में बदलाव नहीं:
दशकों पुरानी गुटनिरपेक्ष नीति में बदलाव से इन्कार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा विवाद के बावजूद चीन के साथ हमारा कोई टकराव नहीं हुआ। आज अंतर-निर्भरता का जो विश्र्व है, वैसा पहले नहीं था। भारत की गुटनिरपेक्ष नीति एक विरासत बन चुकी। भारत अब किसी कोने में खड़ा होने वाला देश नहीं। यह विश्र्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेज विकसित हो रही अर्थव्यवस्था रखने वाला देश है।पढ़ें: 2 साल में बहुत कुछ बदला, लेकिन अभी और आगे बढ़ना है : पीएम
चीन से कोई लड़ाई नहीं: चीन के बारे में कहा कि हमारी कोई लड़ाई नहीं है। लोगों का परस्पर संपर्क बढ़ रहा है, व्यापार में बढ़ोतरी हो रही है, चीन का भारत में और भारत का चीन में निवेश बढ़ा है। पिछले 30 साल के दौरान दोनों देशों के बीच एक भी गोली नहीं चली। उन्होंने चीनी मेरीटाइम सिल्क रोड संबंधी पहल को भी सराहा।ओबामा से विशेष मित्रता: भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में मोदी ने कहा, दोनों देशों में कई मान्यताएं, विचार समान हैं। वहां रिपब्लिकन सरकार हो या डेमोक्रेटिक, हमारी मित्रता स्थायी है। राष्ट्रपति ओबामा से मेरी विशेष मित्रता है।राजन मामले में मीडिया रुचि न दिखाए प्रधानमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुरामन राजन का दोबारा कार्यकाल का मामला प्रशासनिक है। इसमें मीडिया को रुचि नहीं दिखानी चाहिए। राजन पर सुब्रह्मण्यम स्वामी के हमलों के बाद प्रधानमंत्री की ओर से पहली बार टिप्पणी की गई है। राजन को दोबारा कार्यकाल देने या न देने का फैसला सितंबर में होगा। उनका तीन साल का कार्यकाल सितंबर में ही समाप्त हो रहा है।एसोचैम ने कहा, राजनेता टिप्पणी न करें:नई दिल्ली, प्रेट्र। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के दोबारा कार्यकाल को लेकर एसोचैम भी मैदान में उतर आया है। उसने एक बयान में कहा कि इस बारे में राजनैतिक दलों और उनके नेताओं को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इस मामले को प्रधानमंत्री पर ही छोड़ देना चाहिए। उसने रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद को विवादों में घसीटे जाने पर आपत्ति जताई है। पढ़ें: ..जब दो महिलाओं को अपनी सीट देकर ट्रेन के फर्श पर सो गए थे मोदी