क्या अमेरिका-पाकिस्तान के बीच रोड़ा बन रहा है भारत? अपनी राय दें
इन दिनों अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में दूरियां बढ़ी हैं। इसके पीछे हाल ही में घटी कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिनके लिए वह लगातार भारत को दोषी ठहरा रहा है।
नई दिल्ली, [कमल कान्त वर्मा]। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते लगातार असामान्य होते जा रहे हैं। हाल ही में घटी कुछ घटनाओं की वजह से इन्हें बल मिला है। आलम यह है कि जहां पहले पाकिस्तान हर चीज के लिए अमेरिका की तरफ रुख करता था वहांं अब ऐसा कुछ नहीं रहा है। इन दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी के लिए पाकिस्तान भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
हाल की कुछ घटनाओं ने इन दोनों देशों बीच रिश्तों में काफी उलझने पैदा की हैं। इनमें से पहली घटना एफ-16 लड़ाकू विमान की डील का न हो पाना है। दरअसल जिस वक्त अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को इस विमान की आपूर्ति करने की बात सामने आई थी तभी से ही भारत इस डील को लेकर कुछ चिंतित था। भारत का मानना है कि पाकिस्तान के लिए उसका सबसे बड़ा शत्रु भारत ही है, यही वजह है कि यदि उसको यह विमान मिल जाएंगे तो समूचे दक्षिण एशिया में अस्थिरता का खतरा बढ़ जाएगा। भारत खुले मंचों पर भी इसके लिए अमेरिका की खुलेतौर पर मुखालफत भी की थी। लेकिन उस वक्त तक इस सौदे को लेकर पाकिस्तान पूरी तरह से आश्वस्त था।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच बदलाव तब आया जब अमेरिकी संसद ने अचानक पाकिस्तान को इन विमानों की खरीद के लिए वित्तीय मदद देने से इंकार कर दिया। अमेरिका के रुख में आए इस बदलाव के लिए पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराया। उसका आरोप था कि भारत इसके लिए अमेरिका से लॉबिंग कर रहा है। हालांकि अमेरिका ने यह साफ कर दिया था कि यदि पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान चाहिए तो उसको इस डील का पूरा पैसा अदा करना होगा। यही वजह थी करोड़ों डॉलर की इस डील को पाकिस्तान लाख चाहने के बाद भी अमलीजामा नहीं पहना सका।
इस डील के रद होने के बाद पाकिस्तान के सरताज अजीज ने माना था कि अब पाकिस्तान के अमेरिका से संबंध पहले जैसे नहीं रहे हैं। पाकिस्तान का कहना था कि यदि अमेरिका नहीं मानता है तो पाकिस्तान इन विमानों को कहीं ओर से खरीद लेगा। अमेरिकी संसद यहीं पर नहीं रुकी और उसने पाकिस्तान को दी जा रही हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए दी जा रही करीब मदद 450 मिलियन डॉलर की मदद को भी रोक दिया। यह दोनों घटनाएं पाकिस्तान के लिए बेहद दुखदाई थीं।