सचिव स्तर की वार्ता से पहले अलगाववादियों को पाक का न्योता
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा कश्मीर समस्या को इंसानियत के दायरे में हल करने और शांतिवार्ता को जारी रखने का यकीन दिलाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ विदेश सचिव वार्ता से पहले कश्मीरी अलगाववादियों के साथ विशेष बैठक बुलाई है।
By Edited By: Updated: Mon, 18 Aug 2014 07:44 AM (IST)
श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा कश्मीर समस्या को इंसानियत के दायरे में हल करने और शांतिवार्ता को जारी रखने का यकीन दिलाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ विदेश सचिव वार्ता से पहले कश्मीरी अलगाववादियों के साथ विशेष बैठक बुलाई है। पाकिस्तानी दूतावास ने मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी समेत सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली में बातचीत के लिए बुलाया है, ताकि वह उनकी राय लेते हुए कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए अपना एजेंडा तय कर सके।
ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने दैनिक जागरण को बताया कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित चाहते हैं कि भारत-पाक के विदेश सचिव स्तर की बातचीत से पहले हम लोग एक बार उनसे 19 अगस्त को मिलें। मैं नई दिल्ली जा रहा हूं। मैं पाकिस्तानी अधिकारियों से आग्रह करूंगा कि वह कश्मीरियों को उनका हक दिलाने के लिए भारत पर दवाब बनाएं। उन्होंने कहा कि हम भारत-पाक के बीच हमेशा से ही मजबूत और दोस्ताना रिश्ते चाहते हैं, लेकिन जब तक कश्मीर समस्या को हल नहीं किया जाता, दोनों में दोस्ती नहीं हो सकती। कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि हम अपने सहयोगियों के साथ बैठक कर तय करेंगे कि पाकिस्तानी अधिकारियों से मिला जाए या नहीं। अगर सभी सहमत हुए तो हमारा एक प्रतिनिधिमंडल जा सकता है। गिलानी ने कहा कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अपने स्टैंड से कोई समझौता नहीं करे, क्योंकि भारत ने अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ा है।
हुर्रियत कांफ्रेंस जम्मू-कश्मीर के शब्बीर शाह को भी पाकिस्तानी दूतावास से बैठक का न्योता मिला है। उन्होंने कहा कि मैं 18 अगस्त को अब्दुल बासित से मिल रहा हूं। रिश्ते सुधारने बाधा बनेगी अलगाववादियों से बातचीत
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने भी रविवार को कश्मीरी अलगाववादी नेताओं की नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास अधिकारियों के साथ बातचीत पर एतराज जताते हुए कहा कि कि अगर पाकिस्तान वास्तव में भारत के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है और वह इसके लिए इमानदारी से प्रयास करे, तभी दोनों मुल्कों में प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की वार्ता किसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकती है, अन्यथा नहीं। पाकिस्तानी दूतावास द्वारा कश्मीरी अलगाववादियों को बातचीत के लिए नई दिल्ली में बुलाए जाने पर उन्होंने कहा कि इससे 25 अगस्त को भारत-पाक के बीच होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता पर नकारात्मक असर हो सकता है। पढ़ें: भारत के साथ संबंध सामान्य बनाने को प्रतिबद्ध शरीफ