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पंचायत का तुगलकी फरमान, पत्नी को बनाओ बहन

हरियाणा की एक खाप अपने फरमान को लेकर फिर सुर्खियों में है। यहां खाप के आदेश ने एक परिवार के सामने विचित्र स्थिति पैदा कर दी है। पंचायत ने गोत्र विवाद में उसे अपनी पत्नी को बहन बनाने का फरमान सुनाया है। आदेश के अनुसार पंचायत के सामने पत्नी को

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Fri, 17 Jul 2015 09:39 AM (IST)

चंडीगढ़ (दयानंद शर्मा)। हरियाणा की एक खाप अपने फरमान को लेकर फिर सुर्खियों में है। यहां खाप के आदेश ने एक परिवार के सामने विचित्र स्थिति पैदा कर दी है। पंचायत ने गोत्र विवाद में उसे अपनी पत्नी को बहन बनाने का फरमान सुनाया है। आदेश के अनुसार पंचायत के सामने पत्नी को बहन मानकर उसे 10 रुपये का शगुन देना होगा। पीडि़त दंपती ने पंचायती फरमान के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई है।

खाप पंचायतों के कड़े फरमान को लेकर कुख्यात हरियाणा में ये नई बात नहीं है। मगर इस बार यह तुगलकी फरमान किसी खाप ने नहीं, बल्कि कौशिक गोत्र की पंचायत ने सुनाया है। फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची करनाल के तरावड़ी कस्बे की रहने वाली पूनम ने बताया कि छह माह पूर्व उसका विवाह जींद जिले के कोयल गांव निवासी प्रवीन कुमार से हुआ था। पारिवारिक सदस्यों की सहमति से पूरे हिंदू धर्म के अनुसार शादी हुई।

उसका गोत्र कौशिक पटवालिया है जबकि पति का गोत्र कौशिक फेटवाडिया है। विगत छह महीने से वह हंसी-खुशी जीवन यापन कर रहे थे। इस बीच ब्राह्माण समुदाय ने एक पंचायत बुलाकर ससुर को आदेश दिया कि दोनों गोत्र में आपस में शादी नहीं हो सकती।

इसलिए दोनों को अलग-अलग कर पति-पत्नी का रिश्ता खत्म किया जाए। जब ससुर ने उनकी बात मानने से इन्कार कर दिया तो वे हर दूसरे दिन पंचायत कर उसके पति व ससुर को सबके सामने बेइज्जत करने लगे।

पंचायत ने फरमान सुना दिया कि वो पूनम व प्रवीन कुमार को पंचायत में बुलाए। प्रवीण अपनी पत्नी को बहन मानकर उसे भाई के नाते शगुन में दस रुपये दे। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस को भी दी लेकिन वह इस मामले में कुछ नहीं कर रही।

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