नई दिल्ली। बिहार में चुनावी माहौल अभी से तैयार होने लगा है। एक तरफ जहां भाजपा की सहयोगी पार्टी लोजपा इसी माह से अभियान शुरू करेगी। वहीं एकजुट हो रहे जनता परिवार को दलितों के कठघरे में खड़ा करने की कवायद भी शुरू हो गई है। लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध कर चुके सपा प्रमुख व जनता परिवार के संभावित नेता मुलायम सिंह यादव के सहारे ही लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की राजनीति पर हमला किया। साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अगड़ी जाति विरोधी बयानों का हवाला देकर उच्च वर्ग को भी सतर्क करने की कोशिश की।
सहयोगी पार्टियों से रिश्ता टूटना राजग के पतन की शुरुआत नहीं: पासवान महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में जीत के बाद दिल्ली और बिहार भाजपा के लिए अहम है। दैनिक जागरण ने पहले ही जानकारी दी थी कि भाजपा ने अपने सहयोगियों को भी सक्रिय होने की सलाह दी है। लोजपा बिहार में भाजपा की अहम सहयोगी है। 17 जनवरी से पार्टी मैदान में सक्रिय होगी। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान और दूसरे नेता का अभियान शुरू होगा। उससे पहले राम विलास पासवान ने अभियान का आधार तैयार कर दिया।
मुलायम और माया ने बांटा समाज: पासवान दिल्ली में भाजपा से मिलकर लड़ेंगे चुनावजनता परिवार को इकट्ठा कर मतदाताओं का बड़ा आधार तैयार करने में जुटे जदयू व राजद को घेरते हुए राम विलास पासवान ने पूछा- 'दलितों को पदोन्नति में आरक्षण देने के मसले पर जनता परिवार क्या करेगा? सपा प्रमुख मुलायम सिंह उनके नेता होने वाले हैं। संसद में उन्हीं के विरोध के कारण दलितों को यह आरक्षण नहीं मिल सका था। फिर जनता परिवार के नेताओं, दलितों की बात किस आधार पर कर रहे हैं। रही बात अगड़ी जाति की तो उनके
मुख्यमंत्री मांझी सार्वजनिक मंच से अगड़ी जाति को बाहरी बता चुके हैं। खुद
नीतीश ने कभी उनसे असहमति नहीं जताई यानी वह इससे सहमत हैं।' पासवान ने कहा कि सच्चाई यह है कि जनता परिवार किसी का हित नहीं कर सकता है। वह केवल वोट की राजनीति कर रहे हैं, जनता उन्हें समझ चुकी है।
गौरतलब है कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने महादलित वर्ग बनाकर अपने साथ एक बड़ा वोट बैंक तैयार किया था। पासवान अब उन दलितों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि जनता परिवार जिसके नेतृत्व में एकजुट हो रहा है, वह पदोन्नति में
आरक्षण मुद्दे पर उनके खिलाफ हैं। दूसरी तरफ विकास के नाम नीतीश को समर्थन देते रहे अगड़े वर्ग को मांझी के बयानों से यह समझाने की कोशिश हो रही है कि नीतीश भी लालू की राह पर हैं, जिनके कार्यकाल में अगड़े-पिछड़े में बड़ा भेद बना दिया गया था।
धर्मातरण के खिलाफ कानून जरूरी नहीं : पासवान धर्मातरण के खिलाफ भाजपा भले ही कानून की मांग कर रही हो,
लोजपा इससे सहमत नहीं है। लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान ने कहा कि संविधान के वर्तमान प्रावधान ही पर्याप्त हैं। उन्होंने संघ परिवार के घर वापसी कार्यक्रम और विवाद से भी सरकार को पाक साफ बताया। गुजरात में दंगे के खिलाफ अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देने वाले पासवान धर्मातरण विवाद में मोदी सरकार को घसीटे जाने को अकारण मानते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री या सरकार के किसी मंत्री की ओर से तो लगातार विकास की बात हो रही है। कुछ लोग धर्मातरण या घर वापसी को सरकार से जोड़ते हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भी कहा है कि धर्मातरण के खिलाफ कानून सर्वसम्मति के बाद बनाया जाएगा। मेरा मत है कि जो प्रावधान है, वह पर्याप्त है। जबरन या प्रलोभन से धर्मातरण अभी भी गैर कानूनी और दंडनीय है।