भारत-पाक शांति वार्ता पर नहीं होगा पठानकोट हमले का असर
पठानकोट हमले के बाद भी जानकार मानते हैं कि इससे दोनों देशों के बीच चल रही शांति प्रक्रिया पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि कुछ का कहना है कि भारत को इसका जवाब अपनी सुरक्षा और कड़ी कर देना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुई शांति प्रक्रिया की शुरुआत में ही हुए पठानकोट हमले से अब पाकिस्तान की ओर फिर से अंगुलियां उठनी शुरू हो गई हैं। हालांकि जानकार मानते हैं कि इस हमले का असर इस शांति प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा। जानकारों की राय में भारत काफी समय से इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त करता रहा है। जानकारों की राय में पीएम मोदी की पाकिस्तान यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊर्जा मिली है और विश्वास कायम करने की नई राह खुली हैं। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने इस हमले को बेहद छोटा करार दिया है।
जनरल मलिक ने कहा कि इस तरह का हमला पीएम मोदी की पाक यात्रा के बाद तय नहीं किया जाता है। उनके मुताबिक इस तरह के हमले करीब एक माह पहले से प्लान किए जाते हैं। वहीं विदेश मामलों के जानकार प्रोफेसर एच जैकब के मुताबिक जब जब भारत शांति प्रक्रिया की वार्ता को आगे बढ़ाने की तरफ कदम बढता है तब तब पाकिस्तान की ओर से इस तरह की कार्रवाई होती आई है। इस बार भी कुछ अलग नहीं हुआ है। उनके मुताबिक भारत को इसका जवाब अपनी सुरक्षा को बढ़ाकर देना चाहिए।