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रांची: एनआइए को लॉज से मिले नौ जिंदा बम

हिंदपीढ़ी के एक लॉज में सोमवार शाम हुई छापेमारी में नौ तैयार बम बरामद हुए। टाइमर लगे इन बमों को सिर्फ बैट्री से जोड़ना बाकी थी। ये बम पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए बम से मिलते- जुलते हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) व पुलिस टीम ने पटना ब्लास्ट के मास्टर माइंड तहसीन अख्तर उर्फ मोनू की तलाश में छापेमारी की थी। इस दौरान 1

By Edited By: Updated: Tue, 05 Nov 2013 09:28 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, रांची। शहर स्थित हिंदपीढ़ी के एक लॉज में सोमवार शाम हुई छापेमारी में नौ तैयार बम बरामद हुए। टाइमर लगे इन बमों को सिर्फ बैट्री से जोड़ना बाकी थी। ये बम पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए बम से मिलते- जुलते हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) व पुलिस टीम ने पटना ब्लास्ट के मास्टर माइंड तहसीन अख्तर उर्फ मोनू की तलाश में छापेमारी की थी। इस दौरान 19 डेटोनेटर, जिलेटिन की 25 छड़ें व तीन अतिरिक्त टाइमर भी बरामद हुए हैं। तफ्तीश की जा रही है कि बम दिसंबर में रांची में होने वाली नरेंद्र मोदी की रैली के लिए तो नहीं तैयार किए गए थे।

पढ़ें : पटना ब्लास्ट: जेहाद के नाम पर धन जुटाता था उजैर

हिंदपीढ़ी क्षेत्र के सेकंड स्ट्रीट स्थित ईरम लॉज में सोमवार शाम लगभग सात बजे छापेमारी शुरू हुई। एनआइए के साथ शहर पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे व पुलिस टीम भी थी। छापेमारी में लॉज से कुछ कागजात भी जब्त हुए हैं। बरामद बमों को निष्क्रिय करने के लिए बम निरोधक दस्ता भी मौके पर पहुंच गया था। पुलिस लॉज के संचालक मंजर इमाम से पूछताछ कर रही है। छापे की कार्रवाई किए जाने वाले लॉज के कमरा संख्या-आठ में ओरमांझी के चकला गांव निवासी मुजुबुल ठहरा हुआ था।

बताया जाता है कि वह पिछले कुछ महीनों से इस कमरे में किराये पर रह रहा था। सूत्रों के अनुसार मुजिबुल यहां यूपीएससी की तैयारी के नाम पर रहता था। इस दौरान क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। इन बमों की बरामदगी से इस बात को बल मिला है कि पटना में इस्तेमाल बम हिंदपीढ़ी में ही बनाकर भेजे गए थे। ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार इम्तियाज ने भी अपने खुलासे में हिंदपीढ़ी से आतंकी संबंधों को उजागर किया था।

मुजिबुल के घर छापा, पिता-भाई को उठाया

शहर के हिंदपीढ़ी स्थित लॉज में छापेमारी के बाद जांच एजेंसियां मुजिबुल की तलाश में जुटी हैं। लॉज के जिस कमरे में छापेमारी की गई थी, उसमें ठहरा मुजिबुल पिछले 19 अक्टूबर से लापता है। इस बीच, टीम ने रांची से बीस किलोमीटर दूर ओरमांझी के चकला गांव में दबिश दी। पुलिस ने मुजिबुल के घर की तलाशी ली लेकिन उसका पता नहीं चला। बाद में उसके पिता जाबिर अंसारी व बड़े भाई जितरूल अंसारी को पुलिस अपने साथ ले गई। छापेमारी में पुलिस को मुजिबुल के घर से जमात-ए-हिंद की रसीद मिली है।

हैदर आता था मुजिबुल से मिलने : ईरम लॉज के संचालक मंजर इमाम ने पुलिस को बताया कि मुजिबुल से मिलने हैदर नामक युवक आता था। उसने तहसीन उर्फ मोनू के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हैदर आइएम का सक्रिय सदस्य है। लॉज के कमरे में मुजिबुल के साथ रहने वाले युवक की भी पुलिस तलाश कर रही है।

दो-दो किलो के हैं बम :

लॉज से बरामद बम दो-दो किलो के हैं। विस्फोटकों के प्रकार की अभी जानकारी नहीं मिली है। रांची एसएसपी साकेत कुमार सिंह ने बताया कि घटना के तार ओरमांझी के चकला गांव से जुड़े हैं। यहां से दो-तीन युवक लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। पटना ब्लास्ट में बरामद टाइमर और रांची में बरामद टाइमर एक ही (लोटस कंपनी) हैं।

इधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने रांची के नगड़ी स्थित नवासराय मस्जिद से एक युवक को उठाया। युवक का नाम आबिद है। जांच एजेंसी उससे सोमवार सुबह से ही गोंदा थाने में पूछताछ कर रही है। उसी की निशानदेही पर एजेंसी ने हिंदपीढ़ी में छापेमारी की।

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